जीएसटी कर अपवंचन प्रकरणों पर प्रभावी कार्यवाही हो : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि अचल सम्पत्तियों के पंजीयन की दर का मूल्यांकन तिमाही आधार पर किया जाए, जिन क्षेत्रों में विकास तथा अन्य गतिविधियों के परिणामस्वरूप बाजार मूल्य में बढ़ोत्तरी हुई है, उन क्षेत्रों की दर को उस अनुपात में बढ़ाया जाए। उन्होंने निर्देशित किया कि जीएसटी कर अपवंचन प्रकरणों के चिन्हांकन और प्रभावी कार्रवाई पर वाणिज्यिक कर विभाग विशेष रूप से ध्यान दें, इसके लिए डाटा एनालिसिस सहित आईटी प्लेटफार्म का उपयोग करते हुए फील्ड अधिकारियों की तकनीकी क्षमता को संवर्धित करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने निर्देशित किया कि सभी कार्यवाहियां पारदर्शितापूर्ण तरीके से सुनिश्चित की जायें। उन्होंने कहा कि एंटी इवेजन ब्यूरो में उन्हीं की पदस्थापना हो, जिन्होंने ऑडिट और सर्कलों में अच्छा काम किया हो। साथ ही संबंधित अधिकारियों की रोटेशन से पदस्थापना हो। नियमानुसार कर जमा करने वाले व्यवसायियों को प्रोत्साहित करने के लिए सम्मानित व पुरस्कृत किया जाए। राज्य शासन की जिन भी योजनाओं में पुनर्विचार की आवश्यकता हो, उनकी सम-सामयिक परिस्थितियों के अनुसार समीक्षा की जाए। विकास कार्यों को प्रभावित किए बिना राज्य सरकार के आय के स्त्रोत बढ़ाने और व्यय पर नियंत्रण के हर संभव प्रयास किए जाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंत्रालय में वाणिज्यिक कर विभाग की समीक्षा बैठक उपरोक्त निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने को कहा है। उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, मुख्य सचिव वीरा राणा तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
आबकारी नीति के संबंध में उत्तरप्रदेश मॉडल की उपयुक्तता का परीक्षण किया जाए
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि अवैध मदिरा और आबकारी अपराधों पर नियंत्रण के लिए हर संभव कार्रवाई की जाए। आबकारी नीति में उत्तरप्रदेश मॉडल का अध्ययन कर मध्यप्रदेश में उसकी उपयुक्तता का आंकलन किया जाए। बैठक में बताया गया कि पूर्व के निर्देशानुसार मदिरा की दुकानें नगर की सीमा से 1.5 किलोमीटर बाहर कर दी गई हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों और धार्मिक स्थलों के निकट मदिरा दुकानों के संबंध में प्राप्त शिकायतों पर तत्परता से प्रभावी कार्रवाई की जाए। बैठक में बताया गया कि प्रदेश के सभी बार और मदिरा दुकानों की जियो-टैगिंग की गई है तथा मदिरा के उत्पादन, वितरण और विक्रय तक की समस्त प्रक्रियाओं की ई-आबकारी पोर्टल से मॉनीटरिंग की जा रही है। प्रदेश में महुआ से “हैरिटेज मदिरा” का विनिर्माण आरंभ किया गया है।
पंजीकृत दस्तावेजों के डिजिटिलाइजेशन तथा सम्पत्तियों के जियो रिफरेन्सिंग का कार्य जारी
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पंजीयन कार्यालयों में पक्षकारों के बैठने की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि विभाग की कार्यप्रणाली में शासन के संवेदनशील और कल्याणकारी पक्ष तथा भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति परिलक्षित हो। बैठक में भौतिक रूप से पंजीकृत दस्तावेजों के डिजिटिलाइजेशन तथा सम्पत्तियों के जियो-रिफरेन्सिंग के कार्य की जानकारी प्रस्तुत की गई। बैठक में बताया गया कि हरदा, डिण्डौरी, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, सिंगरौली और बुरहानपुर के 2004-05 से शत-प्रतिशत दस्तावेज डिजिटलीकृत किए जा चुके हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कृषि भूमि के नामांतरण के दस्तावेजों के पंजीयन के बाद साइबर तहसील के माध्यम से स्वत: नामांतरण की प्रक्रिया का सम्पूर्ण प्रदेश में विस्तार किया जाए। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में औद्योगिक और व्यावसायिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करें। इससे कर संग्रहण में वृद्धि होगी और राज्य की आय बढ़ेगी।
सम्पदा 2.0 पोर्टल से होगा प्रदेश में अचल सम्पत्तियों का पंजीयन
अचल सम्पत्तियों के पंजीयन के लिए नागरिक केन्द्रित दृष्टिकोण के साथ विकसित सम्पदा 2.0 का पायलट प्रचालन अप्रैल 2024 से गुना, रतलाम, डिण्डौरी और हरदा में आरंभ किया गया। इसके अंतर्गत सम्पूर्ण पंजीयन प्रक्रिया का क्रियान्वयन पोर्टल के माध्यम से होता है। इस प्रोजेक्ट का शीघ्र ही सम्पूर्ण प्रदेश में विस्तार किया जाएगा। सम्पदा 2.0 के अंतर्गत पंजीयन के लिए पंजीयन कार्यालय, भू-अभिलेख, पंचायत/नगरीय निकाय तथा नगर व ग्राम निवेश कार्यालय के कार्यों को समन्वित किया गया है। पेपरलेस पंजीयन की इस प्रक्रिया के अंतर्गत स्टाम्प शुल्क एवं पंजीयन शुल्क की पोर्टल द्वारा स्वत: ही गणना कर ली जाएगी। भूलेख पोर्टल से भूमि एवं नक्शे की जानकारी भी सीधे प्राप्त होगी। शुल्क के ऑनलाइन भुगतान उपरांत ई-स्टाम्प जारी होगा। बैठक में सम्पूर्ण प्रक्रिया का प्रस्तुतिकरण किया गया। यह आमजन के “ईज ऑफ लिविंग और ईज ऑफ डूईंग” बिजनेस की ओर प्रभावी कदम है।
डाटा एनालिटिक्स को समर्पित है डाटा कमांड एंड कण्ट्रोल सेंटर
विगत वर्ष 2023-24 में कुल 51 हजार 469 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ, जो पूर्व वर्ष 2022-23 में प्राप्त कुल राजस्व रूपए 44 हजार 491 करोड़ की तुलना में 16 प्रतिशत अधिक है। वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा डाटा एनालिसिस के लिए नवीन पोर्टल दिशा – डाटा इंटेलीजेंस सिस्टम फॉर हॉलीस्टिक एनालिसिस तैयार किया गया है। डाटा एनालिटिक्स के लिए विभाग में डाटा कमांड एंड कण्ट्रोल सेंटर की स्थापना की गई है।