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पहलगाम आतंकी हमले में शहीद दिनेश मिरानिया को सिंधी काउंसिल ने दी श्रद्धांजलि

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ShivApr 23, 20251 min read

रायपुर।   जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में शहीद…

India Intellectual Conclave 2025: छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता विवाद आयोग के अध्यक्ष गौतम चौरड़िया को अशोका अवार्ड से किया गया सम्मानित

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ShivApr 23, 20252 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायमूर्ति एवं वर्तमान में उपभोक्ता…

नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म : आरोपी शिक्षक की सेवा समाप्त, DEO ने जारी किया आदेश  

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ShivApr 23, 20252 min read

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही।  छत्तीसगढ़ में नाबालिग स्कूली छात्रा से हैवानियत करने वाले…

April 23, 2025

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नई पुनर्वास नीति का असर: 10 लाख के इनामी नक्सली दंपत्ति ने किया सरेण्डर

कवर्धा।    छत्तीसगढ़ शासन की ‘‘नई नक्सल आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति’’ और जिले में चलाये जा रहे नक्सल अभियान के कारण नक्सलियों के हिंसक और शोषणकारी विचारधारा से तंग आकर कई माओवादी विकासशील समाज की मुख्यधारा में लौटने का निर्णय ले रहे हैं. बस्तर क्षेत्र के साथ साथ कबीरधाम जिले में इसका व्यापक असर देखने को मिल रहा है. आज इसी पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर 10 लाख ईनामी नक्सली दंपत्ति रमेश और रोशनी ने भी आत्मसमर्पण कर दिया है, जो कुख्यात नक्सली कमांडर हिडमा के गांव पूवर्ती निवासी हैं. दोनों पर 5-5 लाख रुपए का ईनाम रखा गया था.

जानकारी के मुताबिक, रमेश उर्फ मेस्सा बोड़ला एरिया कमेटी विस्तार प्लाटून नंबर 3 का डिप्टी कमांडर था. वहीं उसकी पत्नी रोशनी उर्फ हिड़में भी बोड़ला एरिया कमेटी विस्तार प्लाटून नंबर 3 की सदस्य थी. दोनों ने आज कबीरधाम पुलिस के पास जाकर सरेण्डर किया है. इन दोनों पर थाना तरेगांव में दर्ज 2-2 नक्सल अपराध दर्ज हैं.

’रमेश उर्फ मेस्सा’ ने नक्सली संगठन में डिप्टी कमांडर के रूप में काम करते हुए कई हिंसक गतिविधियों को अंजाम दिया था एवं पुलिस के साथ मुठभेड़ में शामिल रहा वह संगठन में रहने के दौरान एस एल आर राइफल धारी रहा है. वहीं, ’रोशनी उर्फ हिड़में’ संगठन की प्रशिक्षित सदस्य थी, जो नक्सली हिंसा में सक्रिय भूमिका निभाती रही तथा संगठन में इन्सास राइफल धारी थी. दोनों ने संगठन में व्याप्त आंतरिक संघर्ष, अमानवीय व्यवहार, स्थानीय आदिवासियों पर अत्याचार, और जंगलों में जीवन की कठिनाईयों से परेशान होकर आत्मसमर्पण का निर्णय लिया.  

कबीरधाम पुलिस अधीक्षक धर्मेंद्र सिंह छवई ने बताया कि आत्मसमर्पित नक्सली दंपत्ति को छत्तीसगढ़ शासन की ‘‘पुनर्वास नीति’’ के तहत दोनों को पृथक-पृथक 25,000-25,000 रुपये (कुल 50,000 रुपये) की प्रोत्साहन राशि तत्काल नगद प्रदान की गई. इसके साथ ही भविष्य में 3 वर्ष तक 10,000 रुपये मासिक स्टाइपेंड राशि, निःशुल्क आवास एवं भोजन, स्किल डेवलपमेंट हेतु प्रशिक्षण, कृषि भूमि और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी.  आपको बताते चले कि अब तक जिले में 8 ईनामी नक्सलियों सहित कुल 9  नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं और समाज की मुख्यधारा में जुड़ चुके हैं.