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नवा रायपुर में बनेगा छत्तीसगढ़ का पहला फार्मास्युटिकल पार्क, एनआरडीए ने दी 142 एकड़ जमीन

नवा रायपुर में बनेगा छत्तीसगढ़ का पहला फार्मास्युटिकल पार्क, एनआरडीए ने दी 142 एकड़ जमीन

ShivDec 28, 20243 min read

रायपुर।     छत्तीसगढ़ में सेंट्रल इंडिया का नया फार्मास्युटिकल हब…

December 28, 2024

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अनिल टूटेजा को कोर्ट लेकर पहुंची ईडी, शराब घोटाले मामले से जुड़ा है मामला

रायपुर- पूर्व आईएएस अनिल टूटेजा को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम कोर्ट लेकर पहुंची. जहां सिविल जज की कोर्ट में पेश किया है. बता दें कि शराब घोटाले मामले में अनिल टूटेजा को गिरफ्तार किया गया है. नई ईसीआईआर दर्ज होने के बाद तकड़े अनिल टूटेजा की गिरफ्तारी की गई है. वहीं कल लंबी पूछताछ के बाद अनिल टूटेजा के बेटे यश टूटेजा को देर रात छोड़ा गया था.

मिली जानकारी के अनुसार, ईडी ने ईसीआईआर 4/2024 की विवेचना के संदर्भ में अनिल टुटेजा को गिरफ्तार किया है. ईडी की यह ईसीआईआर राज्य के कथित शराब घोटाला मामले हुए मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर है. ईडी की इस ईसीआईआर का आधार छत्तीसगढ़ सरकार के एसीबी थाने में 17 जनवरी को दर्ज एफआईआर है, जिसमें प्रार्थी खुद ईडी है. ईडी ने अनिल टुटेजा को कथित शराब घोटाला मामले के होने के लिए सबसे प्रभावशाली भुमिका अदा करने वाला व्यक्ति माना है. प्रवर्तन निदेशालय ने अनिल टुटेजा को गिरफ्तार करने के लिए पांच कारण बताए हैं.

अनिल टुटेजा की गिरफ्तारी के पांच कारण

ईडी ने अनिल टुटेजा की गिरफ्तारी की पांच वजह बताई है. जो इस प्रकार हैं. 1. साक्ष्यों को नष्ट होने से बचाना 2. इस अपराध में शामिल अन्य लोगों/आरोपियों से आमने सामने पूछताछ करना 3. अपराध से अर्जित आय का पता करना 4. गवाहों को प्रभावित करने से रोकना 5. सिंडिकेट में शामिल अन्य लोगों की पहचान करना.

सोलह पन्नों में है गिरफ्तारी का ब्यौरा

प्रवर्तन निदेशालय ने करीब सोलह पन्नों में गिरफ्तारी के आधार के रूप में कथित शराब घोटाला में अपराध क्या था, अपराध कैसे हुआ और उसमें अनिल टुटेजा की भूमिका क्या है. ये सारी बातें बताई गई है. ईडी ने इसमें यह आरोप लगाया है कि अनवर ढेबर जिसने कि यह कथित शराब घोटाला सिंडिकेट बनाकर किया. उस सिंडिकेट को सबसे बड़ी ताकत अनिल टुटेजा से मिलती थी. प्रवर्तन निदेशालय ने अनिल टुटेजा को कथित शराब घोटाला सिंडिकेट का “आर्किटेक्ट ऑफ लिकर स्कैम” बताया है. ईडी के अनुसार अनिल टुटेजा इस सिंडिकेट के सर्वोच्च शक्ति और नीति नियंत्रक थे.