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जो सरकार अच्छा काम करती है वह आम जनता के बीच जाने से नहीं कतराती: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

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ShivMay 19, 20256 min read

रायपुर।   सुशासन तिहार के अंतर्गत आज मुख्यमंत्री विष्णु देव साय…

गोवा ट्रिप का झांसा देकर 70 लाख की ठगी, ससुराल से एक आरोपी गिरफ्तार

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ShivMay 19, 20252 min read

दुर्ग।  जिले के पुरानी भिलाई थाना क्षेत्र में गोवा ट्रिप,…

शराब घोटाला मामले में अनवर ढेबर को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत

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ShivMay 19, 20253 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले…

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ShivMay 19, 20252 min read

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही।  छत्तीसगढ़ सरकार के सुशासन तिहार का तीसरे चरण जारी…

May 19, 2025

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सदन में केटीयू के कबीर शोधपीठ की गूंज, भाजपा विधायक अजय चंद्राकर का सवाल- एक साल में जादू से लिख दिए तीन किताब, मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा- मुझे भी लगता है जादू से लिखा गया है, पता करेंगे…

रायपुर- विधानसभा में प्रदेश के विश्वविद्यालयों के शोधपीठ का मुद्दा भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने उठाया. मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने माना कि पिछले पांच सालों में शोधपीठों ने काम नहीं किया. गुरु घासीदास शोधपीठ सहित कई शोधपीठ के अध्यक्ष नहीं बनाए. पिछली सरकार ने छत्तीसगढ़ी के नाम पर पिछली सरकार ने सिर्फ गुमराह किया. 

छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के 14वें दिन भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों के शोधपीठ को लेकर सवाल पूछा. जवाब में बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि गठन का उद्देश्य पूरी तरह पूरा नहीं हुआ है. जबसे शोधपीठों का गठन हुआ, तबसे ही इनमें पद रिक्त है. इस पर विधायक ने सवाल किया कि जब इन्होंने उद्देश्य पूरा नहीं किया तो 3 साल 146 करोड़ से ज्यादा की राशि अनुदान के तौर पर क्यों दी गई? मंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालयों को अनुदान मिला है, शोधपीठों को कोई अनुदान नहीं दिया गया है.

अजय चंद्राकर ने कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय रायपुर अंतर्गत कबीर विकास संचार अध्ययन केंद्र द्वारा प्रकाशित तीन किताबों – संत कबीर का इतिहास’, संत कबीर का छत्तीसगढ़ और कहत कबीर का हवाला देते हुए कहा कि संत कबीर पर 1 साल में 3 किताब जादू से लिख दिए गए. कहां से छपवाई की गई? कर्मचारी-अधिकारी नहीं हैं, तो छपाई कैसे हुआ? मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि जिन 3 किताबों को लिखा गया है, वो मुझे भी लगता है जादू से लिखी गई है, इसके बारे में हम पता करेंगे.

नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि विद्वान लेखक का नाम भी बता दीजिए, अगर किताब छपी है तो इसे सदन में बंटवा दीजिए, नहीं तो वस्तुस्थिति बताइए. किताब सिर्फ लिखा है कि छपा भी है? इस पर मंत्री ने कहा कि मैंने जवाब दे दिया है. विभाग इन तीनों किताबों के बारे में पता करेगा. कबीर जी के नाम पर भी पिछली सरकार में गड़बड़ी हुई है. किताब मिल गई तो बंटवा देंगे.