Special Story

छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति पर उप मुख्यमंत्री साव ने बताया, सभी स्टैक होल्टर से की गई है चर्चा…

छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति पर उप मुख्यमंत्री साव ने बताया, सभी स्टैक होल्टर से की गई है चर्चा…

ShivNov 16, 20242 min read

रायपुर। सोशल मीडिया में ट्रेंड कर रही छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक…

November 16, 2024

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

Home » सितंबर से रायपुर में चलेंगी ई-सिटी बसें

सितंबर से रायपुर में चलेंगी ई-सिटी बसें

रायपुर-  रायपुर में सितंबर से ई-सिटी बस चलने लगेंगी। सोमवार को MIC की बैठक में महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि, हमें 100 ई- बसें मिल रही हैं। यह नया  रायपुर में नहीं चलनी चाहिए, सभी बसें रायपुर शहर के लिए मिल रही है वह शहर में ही चलनी चाहिए।

इसके अलावा बैठक में वार्डों के परिसीमन पर डेढ़ घंटे तक चर्चा की गई। मेयर ने कहा कि, चर्चा के बाद निष्कर्ष निकला है कि परिसीमन पर एक मीटिंग होगी जिसमें पक्ष के 7 लोग और विपक्ष के 7 पार्षद को सारा विवरण समझाया जाएगा। इसके बाद परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होगी। मुझे लगता है कल या परसों ही इसकी एक बैठक होगी।

जल भराव पर भी हुई चर्चा

मेयर इन काउंसिल की बैठक में शहर में जल भराव की समस्या को लेकर भी चर्चा की गई। महापौर ने कहा कि हम जल्द ही  रायपुर के प्रभारी मंत्री केंदार कश्यप से मिलकर आपदा प्रबंधन लिए  रायपुर नगर निगम के लिए राशि मांगेंगे। वहीं मेयर ने सिटी बस को लेकर कहा कि, यह इलेक्ट्रिक बस केंद्र सरकार की योजना के तहत मिल रही है और इसका टेंडर भी केंद्र सरकार की ओर से किया जा रहा है।

इसके अलावा परिसीमन पर कहा कि, राज्य सरकार के 2011 जनगणना को आधार बनाते हुए परिसीमन किया जा रहा है। 2019 में भी परिसीमन का वही आधार था। अब यह पता चल रहा है कि 70 वार्डों में लगभग 14000 प्रत्येक वार्ड में एक वार्ड में मतदाता रहेंगे।

मेयर इन काउंसिल के सदस्यों का कहना है कि,  रायपुर नगर निगम में वार्डों की संख्या बढ़ी है ना ही  रायपुर नगर निगम महानगर पालिका किया जा रहा है। अगर वार्डों की संख्या बढ़ती या रायपुर नगर निगम को महानगर पालिका घोषित किया जाता तो परिसीमन जायज होता, लेकिन ऐसा नही हो रहा है।

वार्ड की चारों दिशा से सीमाएं जांची जाएगी। वार्ड की जनसंख्या देखी जाएगी। उनमें मकान-दुकान की स्थिति। वहां रहने वाले लोगों की जाति अनुसूचित जाति-जनजाति के आंकड़ों को विभाग को भेजा जाएगा। जरूरत पड़ने पर वार्ड के मोहल्लों को आस-पास के छोटे वार्ड में जोड़कर उनका वार्ड नंबर बदला जा सकता है।