Special Story

औद्योगिक गतिविधियों और निवेश के लिए मध्यप्रदेश संभावनाओं का प्रदेश: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

औद्योगिक गतिविधियों और निवेश के लिए मध्यप्रदेश संभावनाओं का प्रदेश: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivJan 22, 20257 min read

भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की…

NRDA सीईओ को हाईकोर्ट से फटकार, अलाटमेंट कमेटी पर एफआईआर के आदेश

NRDA सीईओ को हाईकोर्ट से फटकार, अलाटमेंट कमेटी पर एफआईआर के आदेश

ShivJan 22, 20252 min read

बिलासपुर। हाईकोर्ट ने नवा रायपुर विकास प्राधिकरण (एनआरडीए) द्वारा एक…

रायपुर तहसील कार्यालय का पता बदला, एसडीएम ने जनता से की ये अपील

रायपुर तहसील कार्यालय का पता बदला, एसडीएम ने जनता से की ये अपील

ShivJan 22, 20251 min read

रायपुर। राजधानी रायपुर के अनुविभागीय एवं तहसील कार्यालय को अब पुराने…

मतदाताओं को जागरुक करने किया उत्कृष्ट काम, CEO प्रभाकर पाण्डेय को मिलेगा सम्मान

मतदाताओं को जागरुक करने किया उत्कृष्ट काम, CEO प्रभाकर पाण्डेय को मिलेगा सम्मान

ShivJan 22, 20251 min read

रायपुर। मतदाताओं को जागरुक करना. मतदान के लिए प्रेरित करना.…

January 23, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

अधिकारियों की चुनाव में ड्यूटी से राजस्व न्यायालयों में लगा फाइलों का अंबार, सीमांकन से लेकर नामांकन तक के काम अटके…

रायपुर। छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव पूरी तरीके से संपन्न हो चुका है, लेकिन चुनावी ड्यूटी में अधिकारियों के लगे होने की वजह से राजस्व न्यायालयों में लंबित मामलों का पहाड़ खड़ा हो गया है. तहसील से लेकर संभागीय न्यायालयों तक में हजारों मामले महीनों से लटके पड़े है, जिनका कब का निराकरण हो जाना था. फाइलों के लटके होने की वजह से पक्षकार कार्यालयों का चक्कर लगाने को मजबूर हैं.

जिलों के हिसाब सबसे ज्यादा मामले रायपुर जिले में अटके है. जिले में करीब 11 हजार मामले पेंडिंग पड़े हैं. लंबित राजस्व प्रकरणों की नियमित समीक्षा नहीं होने की वजह से ऐसी स्थिति निर्मित हुई है. पूर्ववर्ती सरकार में भी यही स्थिति थी. नई सरकार बनने के बाद मामलों के जल्द निराकरण के निर्देश दिए गए थे, लेकिन इसका कोई खास असर नहीं हुआ. राजस्व दफ्तरों में पैसे लेन-देन की शिकायतों को देखते हुए आए दिन कलेक्टर अधिकारियों की बैठक लेकर कड़ी फटकार भी लगाते हैं. उसके बावजूद जमीन संबधी मामले कम होने की जगह बढ़ते ही जा रहे हैं.

सालों से लगा रहे कार्यालय का चक्कर

तहसील कार्यालय के चक्कर लगा रहे भाटागांव के छोटू लाल साहू बताते हैं कि एक साल से मेरी जमीन को कब्जा किया गया है, जिसको मैं लेकर में लगातार तहसील कार्यालय आ रहा हूं, लेकिन यहां कोई सुनवाई नहीं हो रही है. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि नामांकन के लिए डेट पर डेट दे रहे हैं, लेकिन अब तक नामांकन की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है. ऑनलाइन फॉर्म जमा करने की बात अधिकारी कहते हैं, लेकिन ऑनलाइन फॉर्म भरने जाते हैं, तो सर्वर लो जैसी समस्याएं सामने आती है, जिसको लेकर हम लगातार तहसील ऑफिस के चक्कर लगा रहे हैं.

कलेक्टर बोले-प्रकरण नहीं रुके

कलेक्टर गौरव कुमार सिंह ने कहा कि चुनावी व्यवस्था के चलते कोई प्रकरण नहीं रुके हैं. सभी तरीके से राजस्व के काम में तेजी लाई है. इस संबंध में राजस्व अधिकारियों की बैठक लेकर निर्देश भी दिए गए हैं. वहीं एसडीएम नंदकुमार चौबे और तहसीलदार पवन कोसरे का कहना है कि कहीं कोई काम नहीं अटका है. केवल कुछ परसेंट काम रुका हुआ है. हम लोगों ने अधिकारियों को पहले ही नियुक्त किया था, इसका थोड़ा प्रभाव पड़ा है.

बिना निपटारा आलमारी में कैद

बता दे कि पिछले कई सालों से तहसील कार्यालय लोग लगातार चक्कर लगा रहे हैं. आज भी कई ऐसी फाइल है, जिनका निपटारा किए बिना ही बंद कर अलमारियों में रख दिया गया है. मामले में कलेक्टर सहित तमाम राजस्व अधिकारी सही तरीके से काम होने का हवाला देते हैं. अब आगे देखना होगा लगातार राजस्व अधिकारियों की बैठक के बाद जमीन से संबधित कितने काम पूरे होंगे.