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मध्यप्रदेश में निवेश का यही समय है और सही समय : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

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ShivFeb 24, 202512 min read

भोपाल।    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विकसित मध्यप्रदेश से विकसित…

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उद्योगपतियों से की वन-टू-वन चर्चा

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ShivFeb 24, 20252 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पहले…

शराब घोटाला: ED की विशेष कोर्ट ने डिस्टलरी को आरोपी बनाने ढेबर की याचिका की स्वीकार, 8 कंपनियों को बनाया आरोपी

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ShivFeb 24, 20252 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में डिस्टलरी (शराब निर्माताओं)…

दर्दनाक हादसा : बाइक सवारों को कार ने मारी टक्कर, फिर हाइवा की चपेट में आने से एक युवक की मौत, दूसरा घायल

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ShivFeb 24, 20251 min read

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सीजीएसटी में रिश्वतखोरी मामला : अधीक्षक और ड्राइवर की 28 फरवरी तक बढ़ी रिमांड, CBI नए आरोपियों की कर रही तलाश

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ShivFeb 24, 20252 min read

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February 24, 2025

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जो कहेंगे सच कहेंगे

टमाटर के दाम सस्ते होने से किसानों की बढ़ी मुश्किलें, सड़क में फेंके कई क्विंटल टमाटर…

जशपुर।  छत्तीसगढ़ में टमाटर की खेती करने वाले किसान खून के आंसू रो रहे हैं, क्योंकि खेतों में कई टन टमाटर की फसल तैयार है लेकिन उसका खरीदार कोई नहीं है. जशपुर के लुड़ेग में टमाटर 1 रुपये प्रति किलो के भाव बिक रहा है. इससे किसानों को लाखों का नुकसान उठाना पड़ रहा है. इस समस्या से परेशान किसान आज कई टन टमाटर सड़कों में फेंक कर सस्ते दाम का विरोध प्रदर्शन करते नजर आए.

दरअसल, इन दिनों टमाटर अधिकतम 10 रुपए किलों के भाव बिक रहे हैं. अन्य राज्यों में भी टमाटर की अच्छी पैदावार होने के चलते प्रदेश के किसान दूसरे राज्यों की मंडियों तक टमाटर नहीं भेज पा रहे हैं. स्थिति ऐसी बन गई है कि खेतों में टमाटर की फसलें पड़ी-पड़ी सड़ने लगी हैं. सस्ते दाम और कम डिमांड के चलते लुड़ेग क्षेत्र के किसान खून के आंसू रो रहे हैं. यह स्थिति छह साल बाद फिर उत्पन्न हुई है, जिससे किसान टमाटर तोड़कर फेंकने को मजबूर हो रहे हैं. 

किसानों का कहना है कि वे सेठ साहूकार से कर्ज लेकर टमाटर की खेती करते हैं, लेकिन गिरते दामों के कारण लागत भी नहीं निकल पा रही है. जिले में 1 लाख एकड़ से ज्यादा क्षेत्र में टमाटर की खेती होती है, जिसमें लगभग 11 हजार किसान शामिल हैं. 

आपका बता दें, इस टमाटर की खेती में एक बीघे में 20 से 25 हजार रुपये की लागत आती है. जबकि एक बीघे में डेढ़ से 2 लाख रुपये तक की कमाई होती है.

जानिए कैसे होती है हाइब्रिड टमाटर की खेती

हाइब्रिड टमाटर की खेती में खर्च कुछ ज्यादा होता है, खासकर कीटनाशक दवाइयों पर. हालांकि, यह खेती ज्यादा मुनाफा देने वाली होती है. हाइब्रिड टमाटर की खेती आमतौर पर मल्चिंग विधि से की जाती है, जो पौधों के लिए फायदेमंद साबित होती है.

इसमें सबसे पहले टमाटर के बीजों की नर्सरी तैयार की जाती है, जिसे 15 से 20 दिनों तक रखकर तैयार किया जाता है. इसके बाद खेत की तैयारी की जाती है, जिसमें गोबर या वर्मी कंपोस्ट खाद डाली जाती है और 2-3 बार जुताई की जाती है. फिर खेत में बेड बनाए जाते हैं और प्लास्टिक मल्च बिछाई जाती है. इसके बाद टमाटर के पौधों को रोपा जाता है. रोपाई के बाद पौधों की सिंचाई जरूरी होती है, और जब पौधे बड़े हो जाते हैं तो उन्हें बांस की डोरी से बांध दिया जाता है. लगभग 60-65 दिनों में टमाटर के फल लगने लगते हैं.

हाइब्रिड टमाटर की खेती के लिए जरूरी बातें

एक हेक्टेयर में हाइब्रिड टमाटर के लिए 250-300 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है. इस खेती के लिए उपजाऊ दोमट मिट्टी की जरूरत होती है. खेतों की उचित देखभाल भी महत्वपूर्ण होती है, जिसमें पौधों को रस्सी या बांस के सहारे चढ़ाना शामिल है.

मल्चिंग विधि में प्लास्टिक शीट का उपयोग मिट्टी को धूप से बचाता है, जिससे मिट्टी में नमी बनी रहती है और पौधों की जड़ों का विकास बेहतर होता है. इसके अलावा, तेज हवाओं और बारिश से पौधों की रक्षा भी होती है.