Special Story

गुपचुप खिलाने के बहाने नाबालिक से दुष्कर्म, पुलिस ने आरोपी को 12 घंटे के भीतर किया गिरफ्तार

गुपचुप खिलाने के बहाने नाबालिक से दुष्कर्म, पुलिस ने आरोपी को 12 घंटे के भीतर किया गिरफ्तार

ShivMay 23, 20251 min read

राजनांदगांव। एक नाबालिक लड़की के साथ दुष्कर्म का सनसनीखेज मामला…

दस लाख के ईनामी डिप्टी कमांडर सहित 24 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण…

दस लाख के ईनामी डिप्टी कमांडर सहित 24 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण…

ShivMay 23, 20251 min read

बीजापुर। बड़े नक्सली लीडर बसवराजु के मौत के बाद दो…

छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल की 10वीं-12वीं परीक्षा के परिणाम घोषित, यहां देखें परिणाम…

छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल की 10वीं-12वीं परीक्षा के परिणाम घोषित, यहां देखें परिणाम…

ShivMay 23, 20252 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल द्वारा आयोजित हाई स्कूल और…

May 23, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

प्रशासनिक लापरवाही से बिहारी दंपती के नाम चढ़ीं 459 शासकीय और निजी जमीनें, असली मालिक लगा रहे सरकारी दफ्तरों के चक्कर…

महासमुन्द। जमीनों के कार्यों को जल्दी और पारदर्शिता के साथ हो, जनता को सरकारी दफ्तरों के चक्कर ना काटने पड़े, इसके लिए सरकार ने सभी के रजिस्ट्री ऑनलाइन करने का निर्णय लिया. इसके लिए अधिकारियों को युद्ध स्तर पर कार्य करने के लिए निर्देशित भी किया गया. लेकिन इस बीच महासमुंद के पिथौरा से बड़ी प्रशासनिक लापरवाही का मामला सामने आया है. यहां 459 शासकीय और निजी जमीनें एक बिहार से आकर फुटपाथ पर फल बेंचने वाले साधारण दंपत्ती के नाम पर चढ़ा दी गईं हैं.

जानकारी के मुताबिक, बिहार से छत्तीसगढ़ आए आरती देवी गुप्ता और उनके पति मुकेश गुप्ता पिथौरा के ठेले पर फल बेंचते हैं और परिवार इसी से उनका परिवार चलता है. लेकिन 28 जनवरी 2024 को इनका जीवन अचानक चर्चा में आ गया, जब पता चला कि पिथौरा के करीब 459 अलग-अलग खसरा के बी1 रिकॉर्ड में करोड़ों की सरकारी व निजी जमीन आरती देवी गुप्ता के नाम दर्ज हो गई है. 

बिहारी दंपत्ती के घर रोज पहुंचते हैं जमीनों के असली मालिक

मुकेश गुप्ता ने बताया कि उनकी पत्नी के नाम पर केवल 3 डिसमिल आवासीय जमीन है. लेकिन अब उन्हें बताया जा रहा है कि उनके नाम पर करोड़ो के कई जमीनें चढ़ चुकी हैं. उन्होंने आगे कहा कि जमीनों के असली मालिक रोज हमें खोजते हुए घर आ जाते हैं. हमें सरकारी दफ्तरों में बार-बार बुलाया जा रहा है. हम खुद पटवारी कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं, ताकि ये खसरे हटवाए जा सकें.

जमीन के असली मालिक हो रहे परेशान

बता दें, इस गड़बड़ी का सबसे बड़ा खामियाजा जमीनों के असली मालिकों को भुगतना पड़ रहा है, जिनकी जमीनें बी1 में गलत नाम से दर्ज हो चुकी हैं. कई लोग अपनी जमीन पर लोन नहीं ले पा रहे हैं. खरीद-फरोख्त नहीं कर पा रहे हैं. दर्जनों की संख्या में प्रभावित परिवार अब राजस्व न्यायालय और पटवारी कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें समाधान नहीं मिल रहा है.

जानबूझकर करते हैं ऐसी गलती-

जमीन संबंधित कार्यों के जानकार का दावा है कि ऐसी गलती जानबूझकर की जाती है. पटवारी भोले-भाले लोगों के नाम पर जमीन चढ़ा देते हैं ताकि भविष्य में उससे पैसे वसूले जा सकें. जब असली मालिक दौड़-धूप करता है, तब उससे पैसे लेकर ‘सुधार’ किया जाता है. इस तरह के त्रुटि होना तत्कालीन पटवारी के कार्य प्रणाली संदेहास्पद है और प्रशासनिक कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा करता है.

त्रुटि में किया जाएगा सुधार: SDM ओंकारेश्वर सिंह

पिथौरा एस डी एम ओंकारेश्वर सिंह ने इस मामले में कहा कि त्रुटी हुए समस्त दस्तावेजो की जांच कराई जाएगी. जांच के आधार पर धारा 115 के तहत कार्रवाई कर त्रुटी सुधार भी किया जायेगा.