Special Story

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कामतानाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कामतानाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की

ShivJan 14, 20251 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को सतना जिले के…

बस्तर ओलंपिक के विजेता खिलाड़ियों ने किया रायपुर भ्रमण, कहा- ‘यहां आकर सब कुछ सपने सा लग रहा है’

बस्तर ओलंपिक के विजेता खिलाड़ियों ने किया रायपुर भ्रमण, कहा- ‘यहां आकर सब कुछ सपने सा लग रहा है’

ShivJan 14, 20252 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश सरकार के द्वारा नक्सल प्रभावित क्षेत्र के…

January 15, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल हुआ डॉ. दिनेश मिश्र का नाम, निःशुल्क नेत्र शिविरों को माना गया अद्वितीय जनसेवा कार्य

रायपुर।  प्रसिद्ध वरिष्ठ नेत्र विशेषज्ञ डॉ. दिनेश मिश्र की तरफ से विगत 33 वर्षों से हर साल दीपावली और होली त्यौहारों के समय निःशुल्क नेत्र शिविर के आयोजन को अद्वितीय जनसेवा कार्य मानते हुए उनका नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया है. छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने इस रिकॉर्ड के लिए डॉ. दिनेश मिश्र को संस्था द्वारा जारी पदक व प्रमाण-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया. इस अवसर पर संस्था की छत्तीसगढ़ हेड श्रीमती सोनल राजेश शर्मा तथा विधानसभा अध्यक्ष के सचिव श्री विक्रम सिसोदिया सहित अन्य गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे.

इस अवसर पर डॉ. रमन सिंह ने कहा कि डॉ. दिनेश मिश्र द्वारा काफी लंबे समय से समाजसेवा का कार्य किया जा रहा है. निःशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविरों के अलावा अंधविश्वास उन्मूलन और टोनही प्रताड़ित महिलाओं के पुनर्वास के लिए उनके द्वारा बहुत सराहनीय कार्य किए गए हैं. संस्था की छत्तीसगढ़ प्रमुख श्रीमती शर्मा ने कहा कि डॉ. दिनेश मिश्र ने पिछले 33 वर्षों में हर वर्ष दीपावली व होली में निःशुल्क नेत्र शिविर आयोजित किए. यह 66 शिविर एक तरह से बहुत ही आवश्यकता और आपातकालीन परिस्थितियों में किए गए जब बड़े-बड़े त्यौहारों के कारण चिकित्सकों की उपलब्धता नहीं होती है. ऐसी स्थिति में मरीज और उनके रिश्तेदार दुर्घटनाग्रस्त हालत में भटकते हैं. डॉ. मिश्र ने अपनी गुणवत्तापूर्ण सेवाओं से विश्वसनीय मदद प्रदान करते हुए मानवता की बड़ी सेवा की है. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने डॉ. दिनेश मिश्र को पदक, प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया एवं उन्हें इस उपलब्धि के लिए बधाई दी.

डॉ. दिनेश मिश्र ने बताया कि उन्होंने वर्ष 1991 में यह सेवा शुरू की थी. उन्होंने देखा था कि त्यौहारों की खुशियों को गम में बदलने से बहुत ही निराशा का माहौल बनता है. ऐसे में शहर के बीच ऐसे निःशुल्क शिविर लगाने की जरूरत थी जहां आपात स्थिति के नाम पर बेहद जरूरतमंद और आपात स्थिति में पहुंचे मरीजों के साथ किसी भी तरह की उपेक्षा या धोखाधड़ी न हो. निःशुल्क शिविर करने से मरीजों को इस बात का भी विश्वास हुआ कि दुर्घटना के नाम से उनसे किसी भी तरह का शुल्क नहीं लिया जाएगा. इन शिविरों की चर्चा प्रदेश के दूर-दूर के जिलों और गांवों में पहुंची और लोग लंबी-लंबी दूरी तय कर राहत के लिए पहुंचने लगे. दिवाली में पटाखें हो या होली में रंग के कारण दुर्घटनाएं, दोनों परिस्थितियों में मरीजों के नेत्रहीन होने का खतरा रहता है इसलिए उन्हें तुरंत उपचार देना जरूरी होता है.

बता दें, डॉ. मिश्र द्वारा इन शिविरों के लिए कभी भी, किसी व्यक्ति या संस्था से कोई भी आर्थिक मदद नहीं ली गई. जिसमें निशुल्क, परीक्षण, उपचार, दवाईयां, यहां तक ऑपरेशन भी किया गया है. 4 हजार से अधिक घायल मरीजों का इलाज हुआ है. अपने सेवा कार्यों के लिए डॉ. मिश्र को प्रदेश शासन द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य अलंकरण रविशंकर शुक्ल सम्मान 2006, एवं राष्ट्रीय स्तर पर केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय अवॉर्ड 2008, महिला आयोग 2007 द्वारा सम्मानित किया जा चुका है. उन्हें रेड एंड व्हाइट ब्रेवरी गोल्ड अवॉर्ड भी प्राप्त हो चुका है. समय-समय पर विभिन्न मीडिया हाउस व अन्य समाजसेवी संस्थाओं द्वारा भी सम्मानित किया गया है.