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स्कूल शिक्षा विभाग के उपसचिव बने नीलम टोप्पो, इन अफसरों का भी हुआ तबादला, देखिये आदेश

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ShivJun 10, 20251 min read

रायपुर।  राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर सहित कई अधिकारियों का…

पूर्व IAS की बेटी पर फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाने का आरोप, कांग्रेस ने की जांच की मांग

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ShivJun 10, 20253 min read

मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी। जिला पंचायत अध्यक्ष नम्रता सिंह जैन पर फर्जी…

मनेन्द्रगढ़ बीईओ सुरेन्द्र जायसवाल निलंबित, शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण में गंभीर अनियमितताओं का आरोप

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ShivJun 10, 20252 min read

रायपुर। सरगुजा संभाग के आयुक्त ने मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के विकास…

2021 बैच के आठ अधिकारियों का मिली नवीन पदस्थापना, देखिए लिस्ट

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ShivJun 10, 20251 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य शासन ने भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के…

नक्सलियों ने किया भारत बंद का आह्वन, गृह मंत्री विजय शर्मा बोले- एक मोहल्ला भी नहीं होगा बंद

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रायपुर।  छत्तीसगढ़ में बीते दिनों जवानों ने मुठभेड़ में कई…

June 10, 2025

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22 दिन बाद फिर चला डोंगरगढ़ का रोपवे

डोंगरगढ़।  24 अप्रैल को हुए रोपवे हादसे के 22 दिन बाद डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी मंदिर का रोपवे एक बार फिर शुरू कर दिया गया है. तकनीकी सुधार और सुरक्षा जांच की औपचारिकताओं के बाद संचालन तो शुरू हो गया, लेकिन सबसे बड़ा सवाल अब भी हवा में झूल रहा है कि आखिर ट्रॉली पलटी क्यों? और गलती किसकी थी?

हादसे के वक्त बीजेपी प्रदेश महामंत्री भरत वर्मा समेत कई लोग ट्रॉली में सवार थे. जैसे ही ट्रॉली स्टेशन पहुंची, वह अचानक पलट गई. भरत वर्मा गंभीर रूप से घायल हुए और अब भी रायपुर के अस्पताल में उनका इलाज जारी है. घटना के बाद प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए रोपवे बंद करवा दिया, जांच के आदेश दिए, एफआईआर भी दर्ज हुई लेकिन 22 दिन बीत जाने के बाद भी कोई यह बताने को तैयार नहीं है कि हादसे की असली वजह क्या थी.

मंदिर ट्रस्ट, रोपवे संचालक कंपनी और जिला प्रशासन सभी ने एक स्वर में कहा कि तकनीकी जांच हुई, सुधार किए गए और रोपवे अब सुरक्षित है. ट्रस्ट की मानें तो एनआईटी रायपुर और दामोदर रोपवे कंपनी की टीम ने मिलकर जांच की और जिन बिंदुओं पर खामियां मिलीं, उन्हें ठीक कर दिया गया. लेकिन जब सवाल दोषियों पर आता है, तो जवाब में सिर्फ खामोशी मिलती है. पुलिस भी अब तक सिर्फ सीसीटीवी फुटेज देखने और कर्मचारियों के बयान लेने तक ही सीमित है. कोई चार्जशीट नहीं, कोई गिरफ्तारी नहीं. वहीं एसडीएम साहब का कहना है कि “रिपोर्ट ऊपर भेज दी गई है.” यानि हादसे की जिम्मेदारी अब ‘ऊपरवाले’ के भरोसे छोड़ दी गई है. ऊपरवाले से मतलब प्रशासनिक ‘ऊपर’ है या भगवान, ये समझना जनता के जिम्मे है.

22 दिन बाद भले ही रोपवे दोबारा शुरू हो गया हो, लेकिन जनता के मन में डर और सवाल दोनों अब भी जिंदा हैं. हादसे के बाद जो सुधार किए गए, वे तकनीकी होंगे मगर सिस्टम में जो सुस्ती और जिम्मेदारी से भागने की आदत है, उसमें सुधार कब होगा? बहरहाल डोंगरगढ़ का रोपवे तो फिर से चल पड़ा है पर क्या इंसाफ की ट्रॉली अब भी कहीं अटकी हुई है?