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March 12, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

सिविल सर्जन के खिलाफ डॉक्टरों ने खोला मोर्चा, OPD का किया बहिष्कार, साइकिल स्टैंड में मरीजों का कर रहे इलाज

जांजगीर-चांपा। जिला अस्पताल में सिविल सर्जन दीपक जायसवाल के खिलाफ डॉक्टरों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है. डॉक्टरों ने आज OPD का बहिष्कार करते हुए साइकिल स्टैंड में अस्थायी OPD शुरू कर दी, जहां वे जमीन पर बैठकर मरीजों का उपचार कर रहे हैं. वहीं सिविल सर्जन ने खुद OPD की कमान संभाल ली है. लेकिन मरीजों को आंदोलनकारी डॉक्टरों के पर्ची से जिला अस्पताल से ना तो दवा मिल रहा है और नहीं कोई जांच हो रही है, जिसके चलते मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

सिविल सर्जन दीपक जायसवाल के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने पर अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मचारियों की आज दोपहर एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है. इसमें आंदोलन को उग्र करने और प्रदेश स्तर पर विस्तार देने को लेकर चर्चा होगी.

जिला अस्पताल में एक सप्ताह से सिविल सर्जन और डॉक्टर के साथ स्टॉफ नर्स का विरोध जारी है. सिविल सर्जन दीपक जायसवाल पर डाक्टर और नर्सिंग स्टॉफ का अपमान करने और जिला अस्पताल में तनाव पूर्ण माहौल बनाने का आरोप लगाते हुए शासन-प्रशासन से सिविल सर्जन को हटाने की मांग कर रहे हैं. मांग पूरा नहीं होने पर अपने आंदोलन को प्रदेश स्तर में विस्तार करने कि तैयारी में है.

क्या है पूरा मामला?

जिला अस्पताल जांजगीर-चांपा और बीडीएम अस्पताल चांपा के डॉक्टरों एवं स्टाफ ने सिविल सर्जन डॉ. दीपक जायसवाल पर तानाशाही रवैया अपनाने, मानसिक रूप से प्रताड़ित करने और पद का दुरुपयोग करने के गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने अस्पताल परिसर में जमकर नारेबाजी की और फिर कलेक्ट्रेट तक रैली निकालकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था.

सीनियर स्टाफ नर्स सालोमी बोस ने बताया था कि सिविल सर्जन ने उन्हें धमकाते हुए कहा, “तुम्हारी नेतागिरी नहीं चलेगी, मैं तुम्हें निपटा दूंगा. मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, मेरा स्वास्थ्य मंत्री रिश्तेदार है और कलेक्टर मेरा दोस्त है. मैं तुम्हारा ट्रांसफर करवा दूंगा और सीआर खराब कर दूंगा.”

वहीं, डॉक्टर इकबाल हुसैन ने आरोप लगाया कि सिविल सर्जन ने अस्पताल की व्यवस्थाएं सुधारने के बजाय सीनियर डॉक्टरों को दबाव में लेना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा, “वह स्टाफ नर्सों से बदसलूकी करते हैं और अपने प्रभाव का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं. वह खुद को स्वास्थ्य मंत्री का रिश्तेदार और कलेक्टर का करीबी बताकर स्टाफ पर दबाव बनाते हैं. अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार के बजाय सिर्फ बाहरी सजावट कर दिखावा किया जा रहा है.”

डॉक्टरों एवं स्टाफ के ज्ञापन सौंपने के बाद कलेक्टर आकाश छिकारा ने कहा था, “हमने डॉक्टरों और स्टाफ की शिकायतों को गंभीरता से लिया है. जांच समिति को निष्पक्ष रूप से जांच करने के निर्देश दिए गए हैं. जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.” अब इस मामले की जांच के लिए समिति गठित कर दी गई है.