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छत्तीसगढ़ का प्रयाग राजिम कुंभ कल्प के स्वागत के लिए तैयार – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

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ShivFeb 11, 20252 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को राजिम…

युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने, नवाचार को बढ़ावा देने में स्टार्टअप्स महत्वपूर्ण : बृजमोहन अग्रवाल

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ShivFeb 11, 20252 min read

नई दिल्ली/रायपुर।     छत्तीसगढ़ राज्य में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने…

‘अभिमन्यु की तरह की जा रही घेराबंदी’ : पूर्व महापौर एजाज ढेबर ने मीनल चौबे पर कसा तंज

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ShivFeb 11, 20251 min read

रायपुर।  रायपुर पूर्व महापौर एजाज ढेबर ने बीजेपी महापौर प्रत्याशी…

लोकतंत्र के महापर्व का हिस्सा बनीं अमेरिका में रहने वाली लोरमी की बेटी…

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ShivFeb 11, 20251 min read

लोरमी। छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले से लोकतंत्र के इस महापर्व में…

छत्तीसगढ़ में 4 बजे तक 68.1% वोटिंग

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ShivFeb 11, 20252 min read

रायपुर।   छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव के लिए मतदान का…

February 11, 2025

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जो कहेंगे सच कहेंगे

डीएनए रिपोर्ट में बच्चों की अदला-बदली हुई साबित, वास्तविक माता-पिता को सौंपे गए बच्चे

दुर्ग। जिला अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से हुई बच्चों की अदला-बदली के मामले का सुखद पटाझेप हो गया. डीएनए जांच रिपोर्ट के आधार पर जिला प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से दोनों बच्चों को उनके असली माता-पिता को सौंप दिया. इस फैसले के बाद दोनों परिवारों में खुशी की लहर दौड़ गई और उन्होंने जिला प्रशासन को धन्यवाद दिया. 

कुरैशी और सिंह परिवारों में बच्चा अदला-बदली का मामला पिछले आठ दिनों से सुर्खियों में था. इस घटना के बाद से दोनों परिवारों में तनाव बना हुआ था और वे अपने असली बच्चों को पाने के लिए जिला प्रशासन से न्याय की मांग कर रहे थे.

मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने डीएनए परीक्षण का फैसला लिया. डीएनए जांच के लिए दोनों नवजात शिशुओं और उनके संभावित माता-पिता के सैंपल लिए गए जो बाल कल्याण समिति के पास डीएनए रिपोर्ट बंद लिफ़ाफे में पहुंची.

दोनों परिवारों की मौजूदगी में खोले गए डीएनए रिपोर्ट में स्पष्ट हो गया कि अस्पताल में वास्तव में बच्चों की अदला-बदली हुई थी. बच्चों के सही माता-पिता को मिलने के बाद दोनों परिवारों ने राहत की सांस ली. साधना सिंह ने कहा, “हमें हमारे बच्चे से अलग होने का जो दर्द मिला, वह अब खत्म हो गया है. हम प्रशासन के शुक्रगुजार हैं.”

वहीं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज दानी ने पुष्टि की कि डीएनए टेस्ट के परिणाम आने के बाद बच्चों को सही माता-पिता को सौंप दिया गया है. उन्होंने कहा कि प्रशासन की प्राथमिकता परिवारों को उनके असली बच्चे सौंपना था, और यह सुनिश्चित किया गया कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ हो. अब आगे जांच के बाद दोषी डॉक्टर और नर्स पर कार्रवाई होगी.