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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मतदाताओं से की अपील, ‘विकास के लिए करें मतदान’

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ShivFeb 11, 20251 min read

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय नगरीय निकाय चुनाव को लेकर मतदाताओं…

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पं. दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि पर किया नमन

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रायपुर।     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज अपने निवास…

नगरीय निकाय निर्वाचन 2025 – मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने किया अपने मताधिकार का प्रयोग

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ShivFeb 11, 20251 min read

रायपुर।    मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने रायपुर नगर निगम…

बस्तर से सरगुजा और रायपुर से रायगढ़ तक EVM में खराबी, मतदान प्रभावित, मतदाता परेशान

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ShivFeb 11, 20252 min read

रायपुर।  छत्तीसगढ़ में आज नगरीय निकायों के लिए मतदान शुरू…

February 11, 2025

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डीएनए रिपोर्ट में बच्चों की अदला-बदली हुई साबित, वास्तविक माता-पिता को सौंपे गए बच्चे

दुर्ग। जिला अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से हुई बच्चों की अदला-बदली के मामले का सुखद पटाझेप हो गया. डीएनए जांच रिपोर्ट के आधार पर जिला प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से दोनों बच्चों को उनके असली माता-पिता को सौंप दिया. इस फैसले के बाद दोनों परिवारों में खुशी की लहर दौड़ गई और उन्होंने जिला प्रशासन को धन्यवाद दिया. 

कुरैशी और सिंह परिवारों में बच्चा अदला-बदली का मामला पिछले आठ दिनों से सुर्खियों में था. इस घटना के बाद से दोनों परिवारों में तनाव बना हुआ था और वे अपने असली बच्चों को पाने के लिए जिला प्रशासन से न्याय की मांग कर रहे थे.

मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने डीएनए परीक्षण का फैसला लिया. डीएनए जांच के लिए दोनों नवजात शिशुओं और उनके संभावित माता-पिता के सैंपल लिए गए जो बाल कल्याण समिति के पास डीएनए रिपोर्ट बंद लिफ़ाफे में पहुंची.

दोनों परिवारों की मौजूदगी में खोले गए डीएनए रिपोर्ट में स्पष्ट हो गया कि अस्पताल में वास्तव में बच्चों की अदला-बदली हुई थी. बच्चों के सही माता-पिता को मिलने के बाद दोनों परिवारों ने राहत की सांस ली. साधना सिंह ने कहा, “हमें हमारे बच्चे से अलग होने का जो दर्द मिला, वह अब खत्म हो गया है. हम प्रशासन के शुक्रगुजार हैं.”

वहीं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज दानी ने पुष्टि की कि डीएनए टेस्ट के परिणाम आने के बाद बच्चों को सही माता-पिता को सौंप दिया गया है. उन्होंने कहा कि प्रशासन की प्राथमिकता परिवारों को उनके असली बच्चे सौंपना था, और यह सुनिश्चित किया गया कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ हो. अब आगे जांच के बाद दोषी डॉक्टर और नर्स पर कार्रवाई होगी.