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ShivJun 15, 20251 min read

दुर्ग। जिले में प्रशासनिक कारणों से शनिवार को पुलिस अधीक्षक…

‘समर्थ -2025′ CA स्टूडेंट्स नेशनल कांफ्रेंस का सफल आयोजन सम्पन्न

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ShivJun 15, 20252 min read

रायपुर।  पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम, रायपुर हो रहे इस राष्ट्रीय…

डुंडा स्थित आवासीय कॉलोनी में रहवासियों द्वारा किया गया शराब दुकान का विरोध

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ShivJun 15, 20251 min read

रायपुर। डुंडा पाम मिडास के बाजू फ्रेंड्स क्लब कॉलोनी के…

ग्रामीणों से भरी पिकअप पलटी, दुर्घटना में 2 महिला 1 पुरूष की मौत, 12 से अधिक गंभीर रूप से घायल

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ShivJun 15, 20252 min read

कोंडागांव।   कोंडागांव जिला में एक पिकअप वाहन के पलटने से…

मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना 2025: बस्तर और सरगुजा में 13 नए ग्रामीण मार्गों का चयन, बस सेवा जल्द होगी शुरू

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ShivJun 15, 20252 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना 2025…

June 15, 2025

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डीएनए रिपोर्ट में बच्चों की अदला-बदली हुई साबित, वास्तविक माता-पिता को सौंपे गए बच्चे

दुर्ग। जिला अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से हुई बच्चों की अदला-बदली के मामले का सुखद पटाझेप हो गया. डीएनए जांच रिपोर्ट के आधार पर जिला प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से दोनों बच्चों को उनके असली माता-पिता को सौंप दिया. इस फैसले के बाद दोनों परिवारों में खुशी की लहर दौड़ गई और उन्होंने जिला प्रशासन को धन्यवाद दिया. 

कुरैशी और सिंह परिवारों में बच्चा अदला-बदली का मामला पिछले आठ दिनों से सुर्खियों में था. इस घटना के बाद से दोनों परिवारों में तनाव बना हुआ था और वे अपने असली बच्चों को पाने के लिए जिला प्रशासन से न्याय की मांग कर रहे थे.

मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने डीएनए परीक्षण का फैसला लिया. डीएनए जांच के लिए दोनों नवजात शिशुओं और उनके संभावित माता-पिता के सैंपल लिए गए जो बाल कल्याण समिति के पास डीएनए रिपोर्ट बंद लिफ़ाफे में पहुंची.

दोनों परिवारों की मौजूदगी में खोले गए डीएनए रिपोर्ट में स्पष्ट हो गया कि अस्पताल में वास्तव में बच्चों की अदला-बदली हुई थी. बच्चों के सही माता-पिता को मिलने के बाद दोनों परिवारों ने राहत की सांस ली. साधना सिंह ने कहा, “हमें हमारे बच्चे से अलग होने का जो दर्द मिला, वह अब खत्म हो गया है. हम प्रशासन के शुक्रगुजार हैं.”

वहीं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज दानी ने पुष्टि की कि डीएनए टेस्ट के परिणाम आने के बाद बच्चों को सही माता-पिता को सौंप दिया गया है. उन्होंने कहा कि प्रशासन की प्राथमिकता परिवारों को उनके असली बच्चे सौंपना था, और यह सुनिश्चित किया गया कि पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ हो. अब आगे जांच के बाद दोषी डॉक्टर और नर्स पर कार्रवाई होगी.