Special Story

स्व-सहायता समूह से बहनों के जीवन में नए सूर्य का हुआ उदय : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

स्व-सहायता समूह से बहनों के जीवन में नए सूर्य का हुआ उदय : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivApr 9, 20255 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि स्व-सहायता समूह…

ग्लोबल स्किल पार्क की सभी सीटें भरी जाएं : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ग्लोबल स्किल पार्क की सभी सीटें भरी जाएं : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivApr 9, 20252 min read

भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि ग्लोबल…

छत्तीसगढ़ का सामाजिक सशक्तिकरण मॉडल हुआ पेश, लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा- सामाजिक न्याय हर व्यक्ति तक पहुँचा

छत्तीसगढ़ का सामाजिक सशक्तिकरण मॉडल हुआ पेश, लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा- सामाजिक न्याय हर व्यक्ति तक पहुँचा

ShivApr 9, 20253 min read

रायपुर।   समाज कल्याण मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने देहरादून में आयोजित…

भाजपा-कांग्रेस कार्यकर्ताओं में झड़प, दोनों पक्ष के सैकड़ों लोग पहुंचे थाने

भाजपा-कांग्रेस कार्यकर्ताओं में झड़प, दोनों पक्ष के सैकड़ों लोग पहुंचे थाने

ShivApr 9, 20252 min read

जगदलपुर। शहर में देर शाम भाजपा और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं…

April 9, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

DMF घोटाला : ठेकेदार मनोज द्विवेदी को ED ने किया गिरफ्तार, निलंबित IAS रानू साहू से जुड़ा है मामला…

रायपुर।  छत्तीसगढ़ के डीएमएफ घोटाले मामलें में शुक्रवार को ई़डी ने बड़ी कार्रवाई की है. निलंबित आईएएस रानू साहू और माया वारियर के करीबी DMF वेंडर मनोज कुमार द्विवेदी को ED ने गिरफ्तार कर लिया है.

मिली जानकारी के अनुसार, DMF वेंडर मनोज कुमार द्विवेदी ने काम दिलाने के नाम पर दूसरे ठेकेदारों से करीब 11 से 12 करोड़ रुपए की वसूली की. जिसके बाद इन पैसों को माया वारियर के जरिए रानू साहू तक पहुंचाने का आरोप है. जांच में ये भी सामने आया है कि मनोज कुमार द्विवेदी खुद उदगम सेवा समिति के नाम से NGO का संचालन करता है. DMF का काम दिलाने के नाम पर वसूली गई रकम में से मनोज कुमार द्विवेदी पर करोड़ों रुपए कमाने का भी आरोप है.

जानिए क्या है DMF घोटाला

जानकारी के मुताबिक प्रवर्तन निदेशालय की रिपोर्ट के आधार पर EOW ने धारा 120 बी 420 के तहत केस दर्ज किया है। इस केस में यह तथ्य निकाल कर सामने आया है कि डिस्ट्रिक्ट माइनिंग फंड कोरबा के फंड से अलग-अलग टेंडर आवंटन में बड़े पैमाने पर आर्थिक अनियमित की गई है। टेंडर भरने वालों को अवैध लाभ पहुंचाया गया है.

पद का गलत इस्तेमाल

जांच रिपोर्ट में यह पाया गया है कि टेंडर की राशि का 40% सरकारी अफसर को कमीशन के रूप में इसके लिए दिया गया है। प्राइवेट कंपनियों के टेंडर पर 15 से 20% अलग-अलग कमीशन सरकारी अधिकारियों ने ली है। ED ने अपनी जांच रिपोर्ट में पाया था कि IAS अफसर रानू साहू और कुछ अन्य अधिकारियों ने अपने-अपने पद का गलत इस्तेमाल किया था.

पहले ही हो चुकी है माया वारियर की गिरफ़्तारी

रानू साहू जून 2021 से जून 2022 तक कोरबा में कलेक्टर थीं। इसके बाद फरवरी 2023 तक वह रायगढ़ की भी कलेक्टर रहीं। इस दौरान माया वारियर भी कोरबा में पदस्थ थीं। DMF की बड़ी राशि आदिवासी विकास विभाग को प्रदान की गई थी, जिसमें घोटाले का आरोप है। इसका प्रमाण मिलने के बाद ED ने माया वारियर की गिरफ्तार किया था.