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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बाल निकेतन के बच्चों से की भेंट और दिये उपहार

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ShivJan 15, 20251 min read

भोपाल।    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हमीदिया रोड स्थित…

जापान बनेगा ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का कंट्री पार्टनर : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivJan 15, 20253 min read

भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि लोकमाता…

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद द्वारा लिए गये महत्वपूर्ण निर्णय

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ShivJan 15, 20254 min read

भोपाल।     मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में बुधवार…

January 15, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

संभाग आयुक्त और कलेक्टर अचानक पहुंचे स्कूल, 6 शिक्षक मिले नदारद, सभी को नोटिस जारी

खैरागढ़।  दुर्ग संभाग आयुक्त सत्यानारायण राठौर और कलेक्टर चंद्रकांत वर्मा ने आज दोपहर खैरागढ़ विकासखंड के बाजार अतरिया स्थित शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला का औचक निरीक्षण किया. इस निरीक्षण ने न केवल स्कूल प्रशासन बल्कि पूरे क्षेत्र में हलचल मचा दी. जब आयुक्त और कलेक्टर स्कूल पहुंचे तो उन्होंने देखा कि बच्चे परिसर में घूम रहे थे और कई शिक्षक अपनी ड्यूटी से नदारद थे. यह स्थिति देखकर आयुक्त राठौर ने गहरी नाराजगी व्यक्त की. उन्होंने तत्काल कार्रवाई करते हुए अनुपस्थित शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए.

निरीक्षण के दौरान आयुक्त ने बच्चों से संवाद किया और उनकी पढ़ाई-लिखाई के बारे में जानकारी ली. उन्होंने आगामी बोर्ड परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए बच्चों को नियमित रूप से स्कूल आने और अनुशासन बनाए रखने के लिए प्रेरित किया. साथ ही प्राचार्य को सख्त हिदायत दी कि स्कूल में अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

शिक्षकों की गैरहाजिरी पर सख्त कार्रवाई

निरीक्षण के दौरान अनुपस्थित पाए गए 6 शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. इनमें व्याख्याता रामप्रकाश सेन, उमा टेम्बुरकर, हीरासिंह टेम्बरकर, मंजू कोसरे, व्यायाम शिक्षिका अनिता सिंह और सहायक ग्रेड-03 खोमेश्वर दास बघेल के नाम शामिल हैं. आयुक्त ने यह भी सुनिश्चित किया कि स्कूल में बच्चों और शिक्षकों की उपस्थिति पंजियों में नियमित रूप से दर्ज की जाए और किसी भी तरह की लापरवाही पर तुरंत कार्रवाई हो. उन्होंने प्राचार्य को निर्देश दिया कि वे स्कूल की व्यवस्थाओं को दुरुस्त करें और बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास करें. यह आकस्मिक निरीक्षण न केवल शिक्षकों के लिए एक सख्त संदेश है, बल्कि क्षेत्रीय शिक्षा व्यवस्था को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है.