Special Story

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने नगरीय निकायों के कार्यों की समीक्षा की

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने नगरीय निकायों के कार्यों की समीक्षा की

ShivFeb 28, 20252 min read

रायपुर।    उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री…

भारत ने विज्ञान के क्षेत्र में गढ़े हैं नए कीर्तिमान : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

भारत ने विज्ञान के क्षेत्र में गढ़े हैं नए कीर्तिमान : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivFeb 28, 20254 min read

भोपाल।    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि विज्ञान…

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से केन्द्रीय राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरूगन और श्री आठवले ने की भेंट

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से केन्द्रीय राज्य मंत्री डॉ. एल. मुरूगन और श्री आठवले ने की भेंट

ShivFeb 28, 20251 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से शुक्रवार की शाम समत्व…

मध्यप्रदेश में बनेगी साइंस सिटी : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

मध्यप्रदेश में बनेगी साइंस सिटी : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivFeb 28, 20251 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में…

February 28, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

अवैध धान परिवहन की सूचना देने जिला प्रशासन ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर, कलेक्टर बोले – कर्मचारी की संलिप्तता पाई गई तो दर्ज कराएंगे FIR

गरियाबंद। कलेक्टर दीपक अग्रवाल के निर्देश पर गरियाबंद जिले में अवैध धान खरीदी, परिवहन और भंडारण के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। सीमावर्ती इलाकों सहित जिले के विभिन्न क्षेत्रों में सख्त निगरानी रखी जा रही है। अब तक 3080 कट्टा धान जब्त किया गया है, जिसमें देवभोग क्षेत्र से 620 कट्टा, मैनपुर क्षेत्र से 1710 कट्टा और छुरा क्षेत्र से 750 कट्टा शामिल हैं।

बता दें कि कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने लगातार चौकसी कर अवैध धान परिवहन पर सख्ती से कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं, जिसके लिए नोडल अधिकारी और उड़नदस्ता दल का भी गठन किया गया है। जिले के विभिन्न चेक पोस्ट पर कड़ी निगरानी की जा रही है। अब तक की कार्रवाई में दौरान जिला प्रशासन ने दो ट्रैक्टर, पांच से अधिक पिकअप और मेटाडोर सहित कुल दर्जनभर गाड़ियों को भी जब्त किया है।

सूचना देने के लिए कंट्रोल रूम नंबर जारी

गौरतलब है कि अवैध धान परिवहन और खरीदी की जानकारी देने के लिए कंट्रोल रूम नंबर 07706-296344 जारी किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों के राजस्व, फूड और अन्य अधिकारियों को भी सूचना दी जा सकती है। कलेक्टर दीपक अग्रवाल ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी अधिकारी या कर्मचारी की संलिप्तता पाई जाती है, तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।