Special Story

जनसेवा का प्रभावी माध्यम है सिविल सेवा : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

जनसेवा का प्रभावी माध्यम है सिविल सेवा : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivApr 21, 20255 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि सिविल…

प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना: छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए सुनहरा अवसर: बृजमोहन अग्रवाल

प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना: छत्तीसगढ़ के युवाओं के लिए सुनहरा अवसर: बृजमोहन अग्रवाल

ShivApr 21, 20252 min read

रायपुर।   प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री इंटर्नशिप…

ग्रीष्मावकाश में शिक्षकों की ड्यूटी लगाने संबंधी आदेश किया गया निरस्त

ग्रीष्मावकाश में शिक्षकों की ड्यूटी लगाने संबंधी आदेश किया गया निरस्त

ShivApr 21, 20252 min read

रायपुर।    जिला शिक्षा अधिकारी रायपुर द्वारा जारी ग्रीष्मकालीन समर…

April 21, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

परेशान किसान ने की इच्छामृत्यु की मांग : जमीन सीमांकन के नाम पर एक साल से पटवारी लगवा रहा चक्कर, किसान ने कलेक्टर से की शिकायत

बिलासपुर- पटवारी के जमीन सीमांकन न किए जाने से परेशान किसान ने कलेक्टर से इच्छामृत्यु की अनुमति मांगी है. यह मामला बिलासपुर के टांडा गांव का है. पीड़ित किसान ने आरोप लगाया है कि पटवारी जमीन के सीमांकन के नाम पर पिछले 1 साल से घुमा रहा है और धमकी भी दे रहा है.

जानकारी के अनुसार, ग्राम टांडा के रहने वाले किसान घासीदास वैष्णव की भूमि खसरा नं. क्रमशः 1281/1, 1316/4, 1316/6 जो राजस्व अभिलेख में दर्ज है. जिसका किसान ने बी-1, नक्शा और नोट शीट के साथ पटवारी शशांक त्रिपाठी से मांगा. लेकिन पटवारी ने सिर्फ बी-1 7 फरवरी को दिया. किसान ने जब नक्शे की मांग की, तो सर्वर नहीं है कहकर भगा दिया गया. जिसके बाद वह दूसरे दिन नक्शे और सम्पूर्ण कागजात लेने के लिए गया, तो पटवारी ने कहा कि खसरा नं. 1316/6 को मैं दूसरे के साथ सौदा कर दिया हूं. उक्त भूमि का एक लाख रुपये लेकर रजिस्ट्री कर दो.

किसान का कहना है कि वह उक्त भूमि को नहीं जानता और न ही पटवारी उसे इसके बारे में बता रहा है. जबकि 1281/1, 1316/4 खसरे की भूमि किसान की जानकारी में है. खसरा नं. 1316/6 की भूमि को लेकर लगभग 1 वर्ष से पटवारी जानकारी नहीं दे रहा है. जमीन का पेपर मांगने पर पटवारी की ओर से किसान को धमकी दी जा रही है.

किसान का आरोप है कि पटवारी खसरा नम्बर 1316/6 की भूमि को खुद सौदा करने की बात कहता है. पटवारी उक्त खसरे की भूमि को नहीं बताऊंगा कहता है और जहां शिकायत करना है कर दो कहता है. इसके लिए वह राजनीति नेताओं का हवाला देता है. जिसके चलते किसान की मानसिक और आर्थिक स्थिति बहुत ही ज्यादा खराब है. अब पीड़ित किसान पटवारी शशांक त्रिपाठी की धमकी के चलते इच्छामृत्यु (आत्मदाह करने) की मांग कर रहा है.