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लू को लेकर स्वास्थ्य विभाग सचेत, बचाव, इलाज के लिए दिशा-निर्देश जारी, जानिए क्या है लू के लक्षण…

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ShivMar 19, 20253 min read

रायपुर।  स्वास्थ्य संचालनालय ने सभी मुख्य चिकित्सा, स्वास्थ्य अधिकारी और…

सदन में स्थानीय निकायों पर कैग की रिपोर्ट पेश

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ShivMar 19, 20252 min read

रायपुर। विधानसभा में बुधवार को स्थानीय निकायों पर महालेखाकार का प्रतिवेदन…

CM साय के निर्देश पर अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के लिए वित्त विभाग से पुनरीक्षित प्रशासकीय को स्वीकृति

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ShivMar 19, 20253 min read

रायपुर।   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के विशेष निर्देश और स्वास्थ्य…

IAS गौरव द्विवेदी और मनिंदर कौर द्विवेदी को मिला प्रोफार्मा पदोन्नति

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ShivMar 19, 20251 min read

रायपुर।   1995 बैच के IAS अधिकारी गौरव द्विवेदी और मनिंदर…

ICICI बैंक के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज

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ShivMar 19, 20252 min read

रायपुर।  न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, रायपुर (छ.ग.) भारती कुलदीप के…

कोयला गैसीकरण तकनीक ऊर्जा क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है: सांसद बृजमोहन अग्रवाल

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ShivMar 19, 20252 min read

नई दिल्ली/रायपुर।   कोयला गैसीकरण तकनीक न केवल ऊर्जा क्षेत्र में…

March 19, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

बजट अनुदान मांग पर चर्चा : नेता प्रतिपक्ष महंत बोले, ‘सरकार की गलतियां उजागर करना हमारा कर्तव्य’

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के विभागों के बजट अनुदान मांग पर चर्चा हुई। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर चरणदास महंत ने बेरोजगारी, बिजली संकट, खनिज उत्पादन में गिरावट, शराब नीति, परिवहन में दलाली और बजट का सही उपयोग न होने को लेकर सरकार पर सवाल उठाया।

नेता प्रतिपक्ष महंत ने कहा कि विपक्ष में रहकर सरकार की गलतियों को उजागर करना हमारा कर्तव्य है। हम सरकार के दुश्मन नहीं बल्कि शुभचिंतक हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री सदन में कम और कक्ष में ज्यादा समय बिताते हैं। जब वे विधानसभा में होते हैं तो विधायक उनकी तारीफ करते हैं, लेकिन बाहर निकलते ही नरेंद्र मोदी पर चर्चा शुरू हो जाती है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि इन्हें समझाइए कि यह सांय सांय सरकार है। विधायक आप तक सीमित रहे।

बेरोजगारी और लंबित नियुक्तियां

चरणदास महंत ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी की गारंटी के तहत एक लाख पदों पर भर्ती का वादा किया गया था, लेकिन अब तक कोई प्रक्रिया शुरू नहीं हुई। पिछले वित्तीय वर्ष में आर्थिक सलाहकार परिषद बनाने और दिव्यांगों की बैकलॉग भर्ती की घोषणा की गई थी, जो अब तक अधूरी है। मुख्य सूचना आयुक्त के पद की भर्ती भी अटकी हुई है।

खनिज उत्पादन में गिरावट और बिजली संकट

महंत ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में खनिज उत्पादन 25 लाख 693 मीट्रिक टन था, लेकिन अब इसमें 15% की कमी आ गई है। सवाल उठता है कि आखिर यह गिरावट क्यों आई? उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरप्लस बिजली वाला राज्य है, फिर भी बिजली कटौती जारी है। रायपुर और रायगढ़ में ट्रांसफार्मर में आग लगने की घटनाएं हो रही हैं, जो पहले नहीं होती थीं।

शराब नीति पर उठाए सवाल, परिवहन विभाग में दलाली का आरोप

नेता प्रतिपक्ष ने सरकार की शराब नीति की आलोचना करते हुए कहा कि 67 नई शराब दुकानों को खोलने का निर्णय संविधान के अनुच्छेद के विरुद्ध है। यह राज्य को किस दिशा में ले जाएगा? उन्होंने परिवहन विभाग में दलालों की बढ़ती संख्या पर भी सवाल उठाया। उन्होंने दावा किया कि पिछली सरकार ने दलालों पर 75% तक रोक लगाई थी, लेकिन अब फिर से लोग दलालों की चपेट में आ गए हैं।

सूचना प्रौद्योगिकी और वित्तीय अनियमितताएं

उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी विभाग वेबसाइट अपडेट नहीं कर रहा है, जिससे जनता को सही जानकारी नहीं मिल पा रही। दिसंबर तक केवल 77 हजार करोड़ रुपये ही खर्च किए गए हैं, जबकि हेलिकॉप्टर भुगतान में जरूरत से ज्यादा राशि दी जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि जितनी राशि में नया हेलिकॉप्टर खरीदा जा सकता है, उतनी राशि पुराने हेलिकॉप्टर के रखरखाव में खर्च की जा रही है।

औद्योगिक दुर्घटनाएं और श्रम कानून

औद्योगिक दुर्घटनाओं के पीड़ितों को श्रम कानून के तहत मिलने वाला मुआवजा नहीं मिल रहा है। मुख्यमंत्री निवास में लोग अपनी समस्याओं के समाधान के लिए दरख्वास्त लेकर जाते थे, लेकिन अब इस प्रक्रिया को बंद कर दिया गया है। ग्रामोद्योग विभाग को 118 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था, लेकिन नौ महीने में सिर्फ 67 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार बदनाम हो रही है।

आवारा पशु और सहकारी दुग्ध महासंघ का मुद्दा

नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा कि काऊ कैचर योजना के तहत आवारा मवेशियों को गौठानों में रखने की योजना थी, लेकिन सड़कों पर अभी भी मृत पशु दिख रहे हैं। राज्य सहकारी दुग्ध महासंघ को राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड को देने की चर्चाएं हो रही है, जिससे स्थानीय दुग्ध उत्पादकों को नुकसान होगा। आयकर विभाग को बड़े उद्योगों से पानी पर 8,000 करोड़ रुपये की वसूली करनी है, लेकिन अब तक यह वसूली नहीं हो सकी। उन्होंने “नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी” योजना का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार ने इस योजना का विकल्प भी नहीं दिया।

सुशासन फेलोशिप योजना पर सवाल उठाते हुए महंत ने कहा कि इस योजना के तहत कैबिनेट की फाइलें देखे जाने की संभावना है। इससे सरकार की गोपनीय जानकारियों के लीक होने का खतरा बढ़ सकता है। उन्होंने पूछा कि जब भारतीय नौकरशाही में कई अधिकारी विदेशों से पढ़कर आ रहे हैं, तो क्या उन पर भरोसा नहीं किया जा रहा?

शिक्षा और धार्मिक न्यास विभाग की अनदेखी

38 हजार शिक्षकों की भर्ती की घोषणा बृजमोहन अग्रवाल ने की थी, लेकिन अब तक कोई प्रक्रिया शुरू नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि 125 स्कूल बंद कर दिए गए हैं। यदि सरकार ने इन्हें बंद नहीं किया तो फिर ये आंकड़े गलत कैसे हो गए? धार्मिक न्यास और धर्मस्व विभाग को मिले बजट का केवल 4% ही खर्च किया गया है। महंत ने तंज कसते हुए कहा कि प्रयागराज में 66 करोड़ लोग स्नान करने पहुंचे थे, जबकि कहा जाता है कि देश में 33 करोड़ देवी-देवता हैं। ऐसे में हर देवता के लिए केवल दो श्रद्धालु ही पहुंचे थे।

पर्यटन विकास की उपेक्षा

महंत ने आरोप लगाया कि पर्यटन को लेकर बनाए गए केंद्र पूरे प्रदेश से गायब हो गए हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि पर्यटन स्थलों को वन विभाग के साथ मिलाकर विकसित किया जाए। यदि बस्तर का पर्यटन सही तरीके से विकसित किया जाए तो यह नॉर्थ ईस्ट से भी बेहतर बन सकता है।