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ShivFeb 22, 20251 min read

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मतदान से एक दिन पहले जनपद सदस्य प्रत्याशी की मौत, इलाके में शोक की लहर

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ShivFeb 22, 20251 min read

जशपुर।  छत्तीसगढ़ में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के तीसरे चरण का…

जनता को ही गरिया बैठे विधायक रोहित साहू, कहा – हेकड़ी निकाल दूंगा…

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ShivFeb 22, 20252 min read

गरियाबंद।  चुनाव के पहले जो नेता हाथ जोड़कर जनता के…

विधायक पुरन्दर मिश्रा ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से भेंट कर  जन्मदिन की दी बधाई

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ShivFeb 22, 20251 min read

रायपुर।  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के जन्मदिवस पर आज रायपुर…

February 22, 2025

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छत्तीसगढ़ पीसीसी अध्यक्ष बदलने की चर्चा : सिंहदेव के नाम पर भगत असहमत !

रायपुर।   निकाय चुनाव सम्पन्न होते-होते अब कांग्रेस के नेतृत्व में बदलाव की अटकलें तेज़ हो चुकी है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की रेस में पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव का नाम चर्चा में है, लेकिन सिंहदेव के नाम पर पूर्व मंत्री अमरजीत भगत असहमत नजर आ रहे हैं या कहे विरोध में दिखाई पड़ रहे हैं.

दरअसल पत्रकारों ने सिंहदेव को अध्यक्ष बनाये जाने की अटकलों पर सवाल किया तो पूर्व मंत्री भगत ने आदिवासी कार्ड खेलकर कांग्रेस में एक नया विवाद पैदा कर दिया है. भगत का कहना है कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को आदिवासी नेतृत्व की जरूरत है और सत्ता आदिवासियों के बलबूते ही आ सकती है. ऐसा बीजेपी में भी देखने मिला और यही वजह है कि बीजेपी ने एक आदिवासी नेता को मुख्यमंत्री बनाया. इन परिस्थितियों के बीच में कांग्रेस अध्यक्ष किसी आदिवासी को ही बनाया जाना चाहिए. हालांकि पार्टी हाईकमान को ये तय करना है कि प्रदेश का नेतृत्व कौन करेगा. पार्टी हाईकमान की ओर से जो भी निर्णय लिया जाएगा, हमारी ओर से मोती माला पहनाकर उनका स्वागत किया जाएगा. लेकिन फिर भी मेरा मानना है कि आदिवासियों को मुख्यधारा में जोड़े रखना, पार्टी से उन्हें जोड़कर रखने आदिवासी चेहरे पर ही पार्टी को भरोसा रखना चाहिए. इसलिए क्योंकि आदिवासी बहुत सरल और सहज होते हैं. वे राजनैतिक दांव-पेंच को समझ नहीं पाते और न ही पद में बने रहने के लिए कोई हथकंडे अपनाते हैं. नतीजन कई बार राजनीति के शिकार भी हो जाते हैं.

भगत के इस बयान से कई तरह के मायने निकाले जा रहे हैं. एक तो ये कि वो दीपक बैज के पक्ष में खड़े नज़र आते हैं. दूसरा ये कि वे किसी आदिवासी को ही अध्यक्ष बनाए जाने पर अपना स्पष्ट राय प्रकट कर रहे हैं. संगठन में उच्च स्तर के बदलाव की चर्चा के बीच वे ख़ुद को भी इस रेस में देख रहे हैं.

पैसा…टिकट और भगत

पार्टी में पैसे से टिकट खरीदे जाने, नेताओं पर लगते ख़रीद-फरोख के आरोप, बाग़ियों की वापसी जैसे सवालों के जवाब में भगत अपना दर्द ज़ाहिर करते हुए ये कहते हैं- सीनियर नेता होने के बावजूद भी पार्टी ने उन्हें किसी भी प्रकार की चुनाव कमिटी में रखना ज़रूरी नहीं समझा. भगत कहते हैं न तो वो टिकट बांटने की कमिटी में थे, न ही किसी ख़रीद फरोख के विषय की जानकारी है.

ईवीएम पर नहीं…जनता पर भरोसा

निकाय चुनाव परिणाम को लेकर अमरजीत भगत ईवीएम में गड़बड़ी की आशंका ज़ाहिर करते हैं. उनका कहना है कि भाजपा के नेता जिस तरह से दावे कर रहे हैं उससे ऐसा ही प्रतीत हो रहा है कि काउंटिंग से पहले ही जैसे उन्हें परिणाम की सटीक जानकारी हो. हालांकि कांग्रेस को जनता पर पूर्ण विश्वास है. ईवीएम की गड़बड़ी हो या बीजेपी की हड़बड़ी, जनता बीजीपी को करारा जवाब दे चुकी है और परिणाम हमारे पक्ष में ही आएगा.