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ShivFeb 23, 20252 min read

नारायणपुर। समग्र श्रेणी और कृषि एवं संबद्ध सेवाओं में अपने उत्कृष्ट…

धार्मिक, आध्यात्मिक और पौराणिक रूप से समृद्ध है छत्तीसगढ़ की धरती – अरुण साव

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रायपुर।   उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने आज माता शबरी की…

चुनाव कार्य में लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई, उप अभियंता निलंबित

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मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सोगड़ा आश्रम में की पूजा-अर्चना

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February 23, 2025

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रेंजर और बाबू में अनबन! लेखा प्रभारी को हटाए जाने की मांग, अफसरों का आरोप- डीएफओ से करीबी का उठा रहा फायदा

कांकेर-  वन मंडल में एक बाबू से परेशान होकर कांकेर वन मंडल के 5 रेंजर मेडिकल लेकर छुट्टी पर चले गए हैं. कांकेर रेंज ऑफिस में इन दिनों कुछ भी सही नहीं चल रहा है. डीएफओ कार्यलाय में पदस्थ लेखा प्रभारी और वन मंडल के पांच रेंजरों के बीच तालमेल की कमी देखी जा रही है. कांकेर वन मंडल में पांच रेंज कार्यालय हैं. जिसमें कांकेर, सरोना, नरहरपुर, कोरर, चारामा शामिल है. इन सभी जगहों के रेंजर मेडिकल लगाकर छुट्टी पर चले गए हैं. आज कांकेर में इस मामले को लेकर प्रदेश रेंजर संघ की बैठक भी रखी गई थी. जिसके बाद रेंजर संघ ने सीसीएफ से मुलाकात कर लेखा प्रभारी बिरेंद्र नाग को डीएफओ कार्यलाय से हटाने की मांग की है. एसा ना करने की स्थिति में प्रदेशभर के रेंजरों ने अवकाश में जाने की चेतावनी दी है.

रेंजर संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर ने बताया कि कांकेर वन मंडल के लेखा प्रभारी बिरेंद्र नाग के द्वारा कांकेर वन मंडल के रेंजरों को जानबूझकर परेशान किया जा रहा है. रेंजरो के वाउचर चेक बिना कारण आपत्ति लगाकर वापस भेज दिए जाते हैं. जिससे रेंजर काम नहीं कर पा रहे हैं. यही नहीं लेखा प्रभारी के द्वारा डीएफओ आलोक वाजपेयी को गलत जानकारी देकर गुमराह भी किया जा रहा है. इसी वजह से 8 फरवरी से कांकेर वन मंडल के सभी रेंजर मेडिकल लेकर अवकाश पर चले गए हैं.

रेंजर संघ के संरक्षक सतीश मिश्रा ने कहा कि लेखा प्रभारी डीएफओ के काफी करीबी हैं और इसी का फायदा उठाकर जबरन रेंजरों को परेशान कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यदि 3 दिन के भीतर लेखा प्रभारी का ट्रांसफर नहीं किया जाता है तो प्रदेश भर के रेंजर अवकाश पर चले जायेंगे. अब देखने वाली बात ये होगी कि एक रेंज के बाबू और रेंजरों की इस लड़ाई का वन अमले पर क्या असर पड़ता है. यदि इस छोटी सी लड़ाई पर समय रहते शासन की ओर से कार्रवाई नहीं हुई और सारे रेंजर अवकाश पर चले गए तो वन विभाग को करोड़ों का नुकसान हो सकता है. दिलचस्प बात ये भी है कि जिस लेखा प्रभारी को हटाने की मांग हो रही है वो वन कर्मचारी लिपिक संघ का प्रदेश अध्यक्ष भी है. ऐसे में इस लड़ाई में वन अमले को नुकसान उठाना पड़ सकता है.