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ShivJun 16, 20251 min read

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ShivJun 16, 20251 min read

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ShivJun 16, 20251 min read

रायपुर।  राज्य में तबादलों का दौर शुरू होने वाला है।…

रायपुर रेलवे स्टेशन के टिकट काउंटर होंगे शिफ्ट, 18 जून से नए स्थान से मिलेगा टिकट

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ShivJun 16, 20251 min read

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मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ कैम्पा की गवर्निंग बॉडी की तृतीय बैठक सम्पन्न

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ShivJun 16, 20253 min read

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June 17, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

एजुकेशनल टूर में पार्षदों की मौज-मस्ती के सवाल पर ढेबर को आया गुस्सा : कहा- क्या पार्षद सिर्फ नाली साफ करता रहेगा, उसके सीने में भी दिल है

रायपुर। रायपुर मेयर एजाज ढेबर को एजुकेशनल टूर में पार्षदों की मौज-मस्ती के सवाल पर गुस्सा आ गया। कहने लगे पार्षद के सीने में दिल नहीं है क्या ? सुबह से उठकर क्या नाली साफ करने लगेगा। ये नाराजगी मीडिया के सवाल पर दिखी। दरअसल सरकारी खर्च पर मेयर और भाजपा-कांग्रेस के पार्षद समेत कुल 65 नेता एजुकेशनल टूर पर गए थे। टूर से डांस-पहाड़ों पर रील बनाने के वीडियो सामने आए।

महापौर ने पार्षदों के एंजॉयमेंट पर कहा- कम उम्र के पार्षद हैं, यंग पार्षद हैं। स्वाभाविक है जब सेशन के बाद वक्त रहता है या छुट्टी रहती है उस दिन आदमी कुछ ना कुछ तो करेगा ना। अब कोई ये बोल दे कि नहीं पढ़ाई करने गए हो तो पढ़ाई करके चुपचाप वापस आ जाओ यह ठीक नहीं है। जो यहां रुक गए और नेतागिरी कर रहे हैं उनकी भी टिकट बनी थी दिखा दूंगा। खैर हमें इससे फर्क नहीं पड़ता।

क्या सीखकर आए नेता

मेयर ढेबर ने कहा- जो हम वहां काम देखकर आए हैं निश्चित रूप से हम यहां पर लागू करेंगे। उसे लागू करने में टाइम नहीं लगेगा। सीनियर पार्षद गए थे। बैंगलोर और मैसूर जैसे शहरों का विजिट था वहां की अच्छी चीजें अडॉप्ट करने जा रहे हैं। वहां जो हमने समझा है जो सीख कर आए हैं, उसे 15 अगस्त के बाद बताया जाएगा।

5 साल बाद बन जाएंगे महापौर

ये पूछे जाने पर कि निगम के चुनाव होने हैं, आप लोगों के कार्यकाल को कम समय बचा है। इसके जवाब में मेयर बोले- बहुत छोटी चीजें हैं जो कम समय में भी लागू हो जाएंगी। यह किसने कहा कि हमारे दो-तीन महीने में पॉलिटिक्स खत्म हो जाएगी। आज महापौर हैं तो क्या, 5 साल बाद फिर महापौर बन जाएंगे, सरकार तो हमारी नगर निगम में रहेगी।

पिछले टूर से कुछ सीखकर लागू न कर पाने के आरोप पर ढेबर बोले- आप यह मत बोलो कि हम इंदौर गए थे तो वहां से कुछ लागू नहीं किया। हमने वहां एचटीपी में जो बैकवॉश वॉटर बेचते हैं वह हमने यहां लागू किया है, आज बैकवॉश वॉटर हमारा बिक रहा है उससे तीन-चार करोड़ रुपए की कमाई हो रही है।

यह नहीं कहा जा सकता कि कुछ सीख कर आए और लागू नहीं किया। इंदौर निगम को ढाई सौ करोड़ रुपये केंद्र सरकार से मिलता है, हमें तो कुछ नहीं मिलता, उसके बाद भी हमारी पोजीशन टॉप 10 में रहती है। अगर पैसा हमें मिलने लगेगा तो स्वाभाविक है की अच्छी पोजीशन में आएंगे।