Special Story

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सांदीपनी और जवाहर नवोदय विद्यालय भवन का किया लोकार्पण

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सांदीपनी और जवाहर नवोदय विद्यालय भवन का किया लोकार्पण

ShivJun 6, 20254 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा आज रतलाम जिले को…

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की मुलाकात

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की मुलाकात

ShivJun 6, 20254 min read

नई दिल्ली।  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शुक्रवार को…

संवेदनशील फिल्मकार अभिनेता चम्पक बैनर्जी द्वारा की गई”लाल पहाड़….बोस द मिसिंग फाईल्स’ की रचना

संवेदनशील फिल्मकार अभिनेता चम्पक बैनर्जी द्वारा की गई”लाल पहाड़….बोस द मिसिंग फाईल्स’ की रचना

ShivJun 6, 20253 min read

मुंबई।  “लाल पहाड़….बोस द मिसिंग फाईल्स” एक संवेदनशील कहानी और पटकथा…

खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने की विभागीय कार्यों की समीक्षा

खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने की विभागीय कार्यों की समीक्षा

ShivJun 6, 20253 min read

रायपुर। खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने आज मंत्रालय महानदी भवन…

June 7, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

कम वेतन में अधिक काम करने के बाद भी 4 महीने से नहीं मिली सैलरी, मनरेगा कर्मियों ने पूछा- कैसे करें सुशासन पर भरोसा?

रायपुर।  छत्तीसगढ़ में मनरेगा कर्मियों ने कम वेतन में अधिक काम कराए जाने और बीते 4 महीने से वेतन न दिए जाने को लेकर काफी आक्रोश है. मनरेगा महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अजय क्षत्रि ने कहा कि अल्प वेतन में मनरेगा कर्मियों से मनरेगा और प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्यों के अलावा शासन के कई अन्य कार्य भी लिए जा रहे हैं. इसके बाद भी उन्हें 4 महीने से वेतन नहीं मिल पाया है. इसके अलावा छत्तीसगढ़ बजट को लेकर भी वे निराश हैं. मेहनत के बाद भी अपने हक का वेतन न मिलने से वे मानसिक रूप से पीड़ित हो रहे हैं.

मनरेगा कर्मियों का सवाल: कैसे होगा सुशासन पर विश्वास?

अजय क्षत्रि ने आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी शासित मध्यप्रदेश, राजस्थान एवं बिहार जैसे विभिन्न राज्यों में मनरेगा कर्मियों के सेवा, सामाजिक सुरक्षा एवं वेतन भुगतान संबंधी एक अच्छी मानव संसाधन नीति लागू है. साथ ही केन्द्र सरकार से राशि प्राप्त न होने पर राज्य सरकार द्वारा पूल फण्ड के माध्यम से राज्यों में वेतन भुगतान कर केन्द्र से राशि मिलने के बाद समायोजन कर लिया जाता है. वहीं छत्तीसगढ़ राज्य में भारतीय जनता पार्टी की ‘‘डबल ईंजन की सरकार‘‘ होने के बाद भी मनरेगा कर्मी अपनी सेवा, सामाजिक सुरक्षा एवं वेतन संबंधी सुविधाओं से वंचित हैं. अतिरिक्त कार्य का बोझ है, ऐसे में सुशासन पर विश्वास कैसे होगा?

बजट से निराशा

अजय क्षत्रि ने आगे कहा कि 3 मार्च को विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट वित्त मंत्री ओ.पी.चौधरी ने पेश किया. बजट में महात्मा गांधी नरेगा योजनांतर्गत कार्यरत कर्मियों  के लिए कुछ भी नहीं किया गया है, जिसके चलते प्रदेशभर के मनरेगाकर्मी निराशा हैं. मनरेगा कर्मियों से अल्प वेतन में मनरेगा कार्य और प्रधानमंत्री आवास योजना के कार्यों के अलावा शासन के अन्य कार्य भी लिए जा रहे हैं. इसके बावजूद भी विगत 4 माह से वेतन नहीं मिल पाया है. जिसके कारण कर्मचारी मानसिक रूप से पीड़ित एवं सरकार के प्रति आक्रोशित हैं। साथ ही सरकार  इनके सुरक्षित भविष्य के लिए कोई मानव संसाधन नीति भी सरकार लागू नहीं कर पाई है, जिसके लिए ये कर्मचारी लंबे समय से संघर्षरत हैं.

मनरेगा महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष ने आगे कहा कि  छत्तीसगढ़ शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अध्यक्षता में ‘‘छ.ग. मनरेगा कर्मियों के नियमितीकरण की प्रक्रिया पूर्ण होने तक सामाजिक और सेवा सुरक्षा की दृष्टि से मानव संसाधन नीति लागू किये जाने के लिए ‘‘ राज्य स्तरीय 8 सदस्यीय समिति का गठन किया गया है. 

वादा पूरा होने का इंतजार करते थके मनरेगा कर्मी

उन्होंने आगे कहा कि अत्यंत खेद का विषय है कि पूर्व कांग्रेस सरकार में जिस प्रकार पिछले 5 वर्षों में केवल कमेटी-कमेटी खेला गया, अब वही काम इस सुशासन की सरकार में भी किया जा रहा है. सितंबर 2024 में 15 दिनों के भीतर कमेटी का प्रतिवेदन प्रस्तुत करने और उसमें मनरेगा कर्मियों के सेवा/भविष्य सुरक्षा, सामाजिक सुरक्षा तथा अनुकंपा नियुक्ति जैसी महत्वपूर्ण बिंदुओं का समावेश करने के लिए छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम विजय शर्मा के वादे को पूरे होने का इंतजार करते अब ये मनरेगा कर्मी भी थक गए हैं. कभी-कभी देर से मिला न्याय भी अन्याय सा प्रतीत होता है.