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सुशासन तिहार का असर: आवेदनों पर कार्रवाई शुरू, परिवहन विभाग ने विकास मिश्रा को जारी किया लर्निंग लाइसेंस

सुशासन तिहार का असर: आवेदनों पर कार्रवाई शुरू, परिवहन विभाग ने विकास मिश्रा को जारी किया लर्निंग लाइसेंस

ShivApr 18, 20251 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार सभी जिलों में…

April 18, 2025

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उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से की सौजन्य भेंट

रायपुर।   उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात की। इस दौरान पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार के अतिरिक्त सचिव और छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक विवेक आचार्य उपस्थित थे। इस दौरान राज्य में पर्यटन विकास की दो बड़ी योजनाओं के प्रस्ताव के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने केंद्रीय मंत्री को सौंपे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन और निर्देशानुसार स्वदेश दर्शन 2.0 योजना के तहत महाप्रभु वल्लभाचार्य यज्ञ कुंड परिसर, चंपारण्य के सौंदर्यीकरण और भोरमदेव कॉरिडोर जिला कबीरधाम की परियोजनाओं के लगभग 200 करोड़ रुपये के प्रस्ताव भारत सरकार को सौंपे गए।

इस प्रस्ताव में महाप्रभु वल्लभाचार्य यज्ञ कुंड परिसर, चंपारण्य में परिसर का सौंदर्यीकरण, प्रवेश द्वार, तालाब ब्यूटीफिकेशन, पार्किंग एरिया, महाप्रभु वल्लभाचार्य की भव्य प्रतिमा, म्यूजियम, कन्वेंशन सेंटर, भागवत कथा एवं प्रवचन हॉल, बच्चों के लिए गार्डन, कैफेटेरिया, सड़क निर्माण, लैंडस्कैपिंग, सोवेनियर शॉप, पेयजल और पब्लिक टॉयलेट जैसी बुनियादी सुविधाओं का विकास प्रस्तावित है।

भोरमदेव कॉरिडोर परियोजना के अंतर्गत भोरमदेव मंदिर परिसर का विकास, सौंदर्यीकरण, पर्यटक सूचना केंद्र, शिव प्लाजा, झील और सरोदा डैम का सौंदर्यीकरण, बच्चों के लिए पार्क, गेस्ट हाउस, लाइब्रेरी, म्यूजियम, भंडारा भवन, मेला ग्राउंड, प्रवेश द्वार और पार्किंग का निर्माण शामिल है। इसके अतिरिक्त छेरकी महल, मड़वा महल और रामचूआ मंदिर का सौंदर्यीकरण तथा जल क्रीड़ा के लिए घाट निर्माण का भी प्रस्ताव है।

केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इन योजनाओं की सराहना करते हुए छत्तीसगढ़ सरकार को इनके क्रियान्वयन में पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार राज्य की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित कर उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए निरंतर प्रयासरत है। इन परियोजनाओं के माध्यम से छत्तीसगढ़ पर्यटन को एक नई पहचान और दिशा मिलेगी।