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मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ की टेलीफोन डायरेक्टरी का किया विमोचन

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ShivJun 16, 20251 min read

रायपुर।  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मुख्यमंत्री निवास कार्यालय…

जातिगत जनगणना पर केंद्र सरकार के निर्णय का सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने किया स्वागत

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ShivJun 16, 20251 min read

रायपुर।  रायपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद एवं भाजपा के वरिष्ठ…

तबादलों को लेकर ACS की अगुवाई में बनी कमेटी, IAS मनोज पिंगुआ बनाए गए अध्यक्ष

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ShivJun 16, 20251 min read

रायपुर।  राज्य में तबादलों का दौर शुरू होने वाला है।…

रायपुर रेलवे स्टेशन के टिकट काउंटर होंगे शिफ्ट, 18 जून से नए स्थान से मिलेगा टिकट

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ShivJun 16, 20251 min read

रायपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, रायपुर रेल मंडल द्वारा रायपुर रेलवे…

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ कैम्पा की गवर्निंग बॉडी की तृतीय बैठक सम्पन्न

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ShivJun 16, 20253 min read

रायपुर।  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय…

June 16, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

गुणवत्ताहीन निर्माण पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव सख्त, लोक निर्माण विभाग के दो अधिकारी निलंबित, दो को कारण बताओ नोटिस

रायपुर-  लोक निर्माण विभाग ने सड़क उन्नयन और नवीनीकरण कार्य‌‌‌ में गुणवत्ताहीन निर्माण और अमानक कार्य के जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की है। कार्यस्थल के निरीक्षण और जांच के बाद उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री अरुण साव के निर्देश पर विभाग ने चार अधिकारियों पर कार्रवाई की है। लोक निर्माण विभाग द्वारा गुणवत्ताहीन और अमानक कार्य के लिए कटघोरा उप संभाग के अनुविभागीय अधिकारी और उप अभियंता को निलंबित कर दिया गया है। वहीं कोरबा संभाग के तत्कालीन कार्यपालन अभियंता और उप संभागीय अनुविभागीय अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव लोक निर्माण विभाग का प्रभार संभालने के बाद से ही निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और उन्हें समय-सीमा में पूर्ण करने पर लगातार जोर दे रहे हैं। उन्होंने विभागीय समीक्षा बैठकों में अधिकारियों को इसके लिए कड़े निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने इसे सर्वोच्च प्राथमिकता में रखने को कहा है।

कोरबा जिले के चोटिया-चिरमिरी मार्ग के दस किलोमीटर लंबाई के उन्नयन एवं नवीनीकरण कार्य (वास्तविक लंबाई 23.3 कि.मी.) में कार्यस्थल के निरीक्षण के दौरान जाँच में डामरीकरण की मोटाई औसतन कम एवं किए गए कार्य का घनत्व कम पाए जाने पर लोक निर्माण विभाग ने संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की है। मामले में उप संभाग क्रमांक-2 कटघोरा के अनुविभागीय अधिकारी एस.पी. साहू और उप अभियंता राकेश वर्मा को निलंबित किया गया है। मंत्रालय द्वारा जारी निलंबन आदेश में कहा गया है कि गुणवत्ता के मापदण्डों का पालन किए बिना ही अमानक कार्य और मार्ग का डामरीकरण कराकर अनुविभागीय अधिकारी एवं उप अभियंता द्वारा अपने अधिकार का दुरूपयोग कर अपने पदीय कर्तव्य के निर्वहन में अनियमितता बरती गई है। इसलिए छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के तहत एस.पी. साहू, अनुविभागीय अधिकारी एवं राकेश वर्मा, उप अभियंता, लोक निर्माण विभाग, उप संभाग क्रमांक-2 कटघोरा को तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए उनका मुख्यालय, कार्यालय प्रमुख अभियंता, लोक निर्माण विभाग, निर्माण भवन, नवा रायपुर अटल नगर में निर्धारित किया जाता है। दोनों को निलंबन अवधि में नियमानुसार जीवन निर्वहन भत्ते की पात्रता होगी। लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता को 15 दिनों में दोनों अधिकारियों के विरुद्ध आरोप पत्रादि तैयार कर शासन को उपलब्ध कराने को कहा गया है।

लोक निर्माण विभाग ने चोटिया-चिरमिरी मार्ग के उन्नयन और नवीनीकरण में अमानक स्तर का कार्य एवं गुणवत्ता के मापदण्डों का पालन किए बिना ही डामरीकरण कराए जाने पर कोरबा संभाग के तत्कालीन कार्यपालन अभियंता ए.के. वर्मा और कोरबा उप संभाग के अनुविभागीय अधिकारी आर.एन. दुबे को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। शासन द्वारा दोनों अधिकारियों को जारी नोटिस में कहा गया है कि कार्यस्थल के निरीक्षण के दौरान जाँच में डामरीकरण की मोटाई औसतन कम एवं किए गए कार्य का घनत्व भी कम पाया गया है। दोनों अधिकारियों द्वारा कार्य अमानक स्तर का एवं गुणवत्ता के मापदण्डों का पालन किए बिना ही डामरीकरण कराकर अपने अधिकार का दुरूपयोग कर अपने पदीय कर्तव्य के निर्वहन में अनियमितता बरती गई है। दोनों अधिकारियों द्वारा निर्माण कार्यों में लापरवाही बरती गई है जो उनके कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही, उदासीनता एवं स्वेच्छाचारिता को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित करता है। शासन ने इसे छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम, 1965 के अंतर्गत गंभीर कदाचार मानते हुए दोनों अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उन्हें नोटिस प्राप्ति के सात दिनों की समयावधि में अपना प्रत्युत्तर प्रस्तुत करने को कहा गया है। निर्धारित समयावधि में प्रत्युत्तर प्राप्त नहीं होने पर नियमानुसार एकपक्षीय कार्यवाही की जाएगी।