Special Story

छत्तीसगढ़ में गैर संचारी रोग के ईलाज में आभा आईडी है वरदान

छत्तीसगढ़ में गैर संचारी रोग के ईलाज में आभा आईडी है वरदान

ShivApr 18, 20252 min read

रायपुर।    छत्तीसगढ़ राज्य में अब गैर संचारी रोग (नॉन-कम्युनिकेबल…

थाने से भागा अंतरराज्यीय तस्कर, SSP ने चार पुलिसकर्मियों को किया लाइन अटैच

थाने से भागा अंतरराज्यीय तस्कर, SSP ने चार पुलिसकर्मियों को किया लाइन अटैच

ShivApr 18, 20251 min read

रायपुर। हेरोइन चिट्टा की तस्करी के मामले में गिरफ्तार अंतर्राज्यीय…

April 18, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

उप मुख्यमंत्री अरुण साव आंजनेय विश्वविद्यालय में आयोजित नेशनल कॉन्फ्रेंस के समापन समारोह में हुए शामिल

रायपुर।     उप मुख्यमंत्री अरुण साव आज रायपुर के नरदहा में आंजनेय विश्वविद्यालय द्वारा ‘डिकोडिंग द चैलेंजेस ऑफ इंडियास न्यू क्रिमिनल लॉज’ (Decoding the Challenges of India’s new Criminal Laws) विषय पर आयोजित तीन दिवसीय नेशनल कॉन्फ्रेंस के समापन समारोह में शामिल हुए। उन्होंने मुख्य अतिथि के रूप में समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि देश में तीन नए कानूनों भारतीय न्याय संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता पर अमल भारत सरकार का क्रांतिकारी निर्णय है। यह लोगों को त्वरित न्याय दिलाने और देश की न्यायिक व्यवस्था में सुधार की दिशा में बड़ा कदम है। पुराने कानूनों में सुधार की जरूरत काफी लंबे समय से महसूस की जा रही थी, पर इन्हें बदलने देश के किसी भी सरकार ने हिम्मत और हौसला नहीं दिखाया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्र भारत का क्रांतिकारी निर्णय लेते हुए 1 जुलाई 2024 से नए कानूनों को देश में लागू कराया है।

उप मुख्यमंत्री श्री साव ने कॉन्फ्रेंस में उत्कृष्ट शोध प्रस्तुत करने वाले शोधार्थियों और प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया। विगत 2 अगस्त से प्रारंभ हुए इस राष्ट्रीय सम्मेलन में देश भर से आए कानूनी विशेषज्ञों, न्यायिक अधिकारियों, अधिवक्ताओं, शिक्षाविदों और शोधार्थियों ने ‘डिकोडिंग द चैलेंजेस ऑफ इंडियास न्यू क्रिमिनल लॉज’ पर तीन दिनों तक मंथन किया। श्री साव ने ‘डिकोडिंग द चैलेंजेस ऑफ इंडियास न्यू क्रिमिनल लॉज’ जैसे सामयिक और प्रासंगिक विषय पर राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के आयोजन के लिए आंजनेय विश्वविद्यालय परिवार को धन्यवाद और बधाई देते हुए कहा कि वर्तमान समय की जरूरत, नागरिकों को जल्दी न्याय दिलाने, जांच और न्याय की प्रकिया में वैज्ञानिक तकनीकों, डिजिटल व इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के प्रावधानों को शामिल करने तीन नए कानूनों को प्रभावशील किया गया है। भारतीय न्याय संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम में आवश्यक संशोधन कर देश की आजादी से काफी पहले बने पुराने और अप्रासंगिक औपनिवेशिक कानूनों में बदलाव किया गया है। अंग्रेजों ने भारतीयों पर शासन करने और दंड देने के लिए पुराने कानून बनाए थे, जबकि नए कानूनों का उद्देश्य नागरिकों को न्याय दिलाना है।

श्री साव ने कहा कि नए कानूनों से आपराधिक मामलों की जांच और सुनवाई में तेजी आएगी। आधुनिक प्रावधानों के साथ साक्ष्य संग्रह और प्रस्तुतीकरण में सुधार होगा। यह नया अधिनियम डिजिटल साक्ष्य और तकनीकी उपकरणों के उपयोग को प्रोत्साहित करेगा। तीनों नए कानूनों को नागरिकों की वर्तमान जरूरतों और आकांक्षाओं के अनुरूप बनाया गया है, जिससे न्याय प्रणाली जनता के लिए अधिक प्रासंगिक और उपयोगी होगी। ये कानून आपराधिक न्याय प्रणाली में महत्वपूर्ण सुधार लाने के साथ ही समाज में न्याय और पारदर्शिता को बढ़ावा देगा। नेशनल कॉन्फ्रेंस के समापन कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे श्री साव ने आज विश्वविद्यालय परिसर में आंवला का पौधा भी लगाया।

आंजनेय विश्वविद्यालय के चांसलर अभिषेक अग्रवाल ने कार्यक्रम में कहा कि समय के साथ प्रचलित कानूनों में बदलाव जरूरी है। भारत सरकार ने भी जनहित और न्यायिक व्यवस्था को ज्यादा प्रभावी बनाने इनमें परिवर्तन किया है। एक विश्वविद्यालय होने के नाते लोगों को जागरूक करना और देश-दुनिया में हो रहे बदलावों से अवगत कराना हमारा दायित्व है। इस दिशा में हम लगातार काम कर रहे हैं। स्कॉलरशिप और वित्तीय सहायता (Aids) उपलब्ध कराकर हम आर्थिक रूप से कमजोर छात्र-छात्राओं को भी उच्च शिक्षा का अवसर प्रदान कर रहे हैं। विश्वविद्यालय के प्रो-चांसलर सुमीत श्रीवास्तव, महानिदेशक डॉ. बी.सी. जैन, नेशनल कॉन्फ्रेंस आयोजन समिति के संयोजक डॉ. राहुल चौधरी, पत्रकारिता एवं जनसंचार विभागाध्यक्ष डॉ. राहुल तिवारी ने भी समापन समारोह को संबोधित किया। वाइस-चांसलर टी. रामाराव और तुषार चोपड़ा कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए। आयोजन समिति की सचिव डॉ. रूपाली चौधरी सहित विश्वविद्यालय के प्राध्यापक और शोधार्थी भी बड़ी संख्या में कार्यक्रम में मौजूद थे।