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April 2, 2025

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टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक वरुण जैन को मिला ‘ईको वारियर अवार्ड,’ हाथी अलर्ट ऐप बनाने के लिए ‘बेस्ट यूज ऑफ टेक्नोलॉजी’ श्रेणी से किया गया सम्मानित

गरियाबंद. छत्तीसगढ़ के उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक वरुण जैन को हाथी अलर्ट ऐप विकसित करने के लिए ‘ईको वारियर अवार्ड’ से सम्मानित किया गया है. अवॉर्ड समारोह के मुख्य अतिथि बॉलीवुड एक्टर रणदीप हुडा ने उन्हें “बेस्ट यूज ऑफ टेकनोलोजी इन कंसर्वेशन” श्रेणी में इस अवॉर्ड से सम्मानित किया. समारोह में डायरेक्टर जनरल (फारेस्ट) जीतेन्द्र कुमार, डायरेक्टर जनरल (International Big Cats Alliance) एस पी यादव, सी पी गोयल (सदस्य सेंट्रल एमपावर्ड कमिटी), एस के अवस्थी (भा.व.से), सुनीश बक्सी (DIG फारेस्ट) उपस्थित थे.

अलर्ट एप से हाथी-मानव संघर्ष पर लगी रोक

बता दें, छत्तीसगढ़ हाथी ट्रैकिंग एंड अलर्ट एप्प आर्टिफिशल इंटेलिजेंस आधारित एप्प है, जिसमें ग्रामीणों (प्रमुख रूप से कोटवार, सचिव, सरपंच एवं वन प्रबंधन समिति सदस्यों) को हाथी विचरण की सूचना ऑटोमेटेड कॉल्स, SMS एवं व्हाट्सएप नोटिफिकेशन से मिल जाती है.

एप्प के संचालन के बाद से विगत डेढ़ वर्षों में उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में कोई भी जन हानि घटित नहीं हुई है. इस एप्प के सफल प्रयोग के बाद अब इसका उपयोग राज्य के 15 हाथी प्रभावित वनमंडल कर रहे हैं, जिससे हाथी-मानव के बीच की लड़ाई (संघर्ष) को कम करने में मदद मिल रही है. इसके अलावा एप्प के माध्यम से विभिन्न हाथी दलों की कॉरिडोर मैपिंग भी हो रही है, जिससे उनके संभावित विचरण और रहवास क्षेत्रों की जानकारी लगातार प्राप्त होती है.

उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक वरुण जैन ने बताया कि एप्प के सफल संचालन के पीछे हाथी मित्र दलों की महत्वपूर्ण भूमिका है, जो अपनी जान जोखिम में डालकर लगातार गश्त करते हैं. इसके साथ ही अवार्ड समारोह में उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में प्रयोग किये जा रहे ड्रोन मैपिंग पोर्टल एवं रिमोट सेंसिंग पोर्टल के उपयोग से वनों एवं वन्यप्राणियों के संरक्षण के बारे में भी जानकारी दी गयी.

पिछले साल की तरह इस वर्ष भी इंडियन मास्टरमाइंडस और भारतीय वन सेवा संघ (सेंट्रल यूनिट) की तरफ से संयुक्त रूप से “इको वारियर अवार्ड्स ” नयी दिल्ली के डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित किये गये. इन अवार्ड्स का उद्देश्य पर्यावरण, वनों और वन्यजीवों के संरक्षण संवर्धन कार्य के लिए भारतीय वन सेवा के उत्कृष्ट अधिकारियो को सम्मानित करना है. अवार्ड्स की पांच  श्रेणी तय किए गए थे. 1. फारेस्ट प्रोटेक्शन, 2. वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन, 3. वाइल्डलाइफ कंसर्वेशन, 4. बेस्ट यूज ऑफ टेकनोलोजी इन कंसर्वेशन, 5. व्युत्क्रमसंबद्ध.

अवार्ड्स के लिए विभिन्न राज्यों से नॉमिनेशन अप्रैल-मई माह में मांगे गये थे. इन नॉमिनेशन में से विजेताओं को चुनने के लिए एक ज्यूरी (Jury) का गठन किया गया था, जिसमें केशव वर्मा (आईएएस, चेयरमैन ग्लोबल टाइगर फोरम), सी.पी. गोयल (आईएफएस, सेंट्रल एमपावर्ड कमिटी), IPS तिलोतमा वर्मा (आईपीएस, डीजीपी प्रशिक्षण उत्तर प्रदेश), मधु वर्मा (पर्यावरण अर्थशास्त्री) और शरद गुप्ता (संपादक इंडियन मास्टरमाइंडस) शामिल थे.

मध्य प्रदेश के अनुपम शर्मा को “फारेस्ट प्रोटेक्शन”, प्रतिभा अहिरवार को “वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन”, कर्नाटक के रमेश कुमार को “वाइल्डलाइफ कंसर्वेशन”, पश्चिम बंगाल के जस्टिन जोंस को “कम्युनिटी कनेक्ट” और कर्णाटक के दीपक सरमाह (सेवानिवृत आईएफएस) को “लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया गया.