Special Story

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सिकलसेल और थैलेसीमिया जागरूकता एवं एचएलए मैचिंग शिविर का किया शुभारंभ

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सिकलसेल और थैलेसीमिया जागरूकता एवं एचएलए मैचिंग शिविर का किया शुभारंभ

ShivApr 7, 20252 min read

रायपुर।   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज जिला अस्पताल, जशपुर में…

सुशासन तिहार 2025 : रायपुर के 70 वार्डों में आम जनता कल से अपनी समस्याओं को लेकर कर सकेंगे आवेदन, 3 चरणों में लगेंगे समाधान शिविर

सुशासन तिहार 2025 : रायपुर के 70 वार्डों में आम जनता कल से अपनी समस्याओं को लेकर कर सकेंगे आवेदन, 3 चरणों में लगेंगे समाधान शिविर

ShivApr 7, 20256 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के आदेशानुसार एवं उपमुख्यमंत्री…

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने स्वर्गीय जगदेव राम उरांव कल्याण आश्रम चिकित्सालय का भूमिपूजन किया

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने स्वर्गीय जगदेव राम उरांव कल्याण आश्रम चिकित्सालय का भूमिपूजन किया

ShivApr 7, 20254 min read

रायपुर।   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज स्वर्गीय जगदेव राम उरांव…

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कैंसर डिटेक्शन वैन को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कैंसर डिटेक्शन वैन को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

ShivApr 7, 20251 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देशानुसार जशपुर जिला प्रशासन…

April 7, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

IPS रजनेश सिंह पर चल रही विभागीय जांच खत्म, राज्य सरकार ने लिया फैसला…

रायपुर।  छत्तीसगढ़ सरकार ने IPS रजनेश सिंह के खिलाफ चल रहे विभागीय जांच को समाप्त कर दिया है. भूपेश बघेल के कार्यकाल में उनपर और तात्कालीन डीजी पर गंभीर मामलों में केस दर्ज किए गए थे, जिसपर ACB-EOW ने कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट पेश की थी. पेश रिपोर्ट के आधार पर अब राज्य सरकार ने IPS रजनेश सिंह पर चल रही विभागीय जांच को खत्म कर दिया है.

क्लोजर रिपोर्ट की प्रमुख बातें

बता दें, साल 2019 में कांग्रेस की सरकार के दौरान तात्कालीन DG मुकेश गुप्ता और IPS रजनेश सिंह पर रमन सिंह की सरकार के कार्यकाल में सामने आए नान घोटाले में बिना अनुमति फोन टेप करने और दस्तावेज की हेराफेरी करने के आरोप लगे थे. इसके बाद भूपेश सरकार ने दोनों अफसरों को निलंबित करने के साथ ही इनके खिलाफ गैर जमानती धाराओं में FIR भी दर्ज करा दी थी. इस मामले में एसीबी ने कोर्ट में एक क्लोजर रिपोर्ट पेश करते हुए कोर्ट को बताया कि बगैर अनुमति के इंटरसेप्शन का आरोप पूरी तरह निराधार है. रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि जो भी इंटरसेप्शन हुआ, वह कानूनी और वैध तरीके से किया गया था. इसलिए दोनों FIR को रद्द करने की मांग की थी.

कैट ने निलंबन को ठहराया था गलत

इस पुरे घटनाक्रम के बाद IPS मुकेश गुप्‍ता करीब तीन साल तक सस्पेंड रहे थे. इस दौरान उन्‍होंने अपने सस्पेंशन आदेश को कैट में चुनौती दी थी. जिसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर सितंबर 2022 में उनका निलंबन खत्म कर दिया गया था. उसी महीने 30 सितंबर को ही मुकेश गुप्‍ता रिटायर हो गए थे. वहीं आईपीएस रजनेश सिंह ने भी निलंबन आदेश को कैट में चुनौती दी थी. कैट ने उनके निलंबन को गलत ठहराते हुए बहाल करने का आदेश दिया था. अब राज्य सरकार ने इस मामले में IPS रजनेश सिंह के पर चल रहे विभागीय जांच को खत्म कर दिया है.