Special Story

नशे के खिलाफ पुलिस की बड़ी कार्रवाई, लाखों के हेरोइन के साथ 2 तस्कर गिरफ्तार…

नशे के खिलाफ पुलिस की बड़ी कार्रवाई, लाखों के हेरोइन के साथ 2 तस्कर गिरफ्तार…

ShivApr 19, 20251 min read

दुर्ग।   छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में पुलिस को नशे के…

बड़े पैमाने पर IAS अफसरों का तबादला, कई जिलों के बदले गए कलेक्टर, देखें लिस्ट …

बड़े पैमाने पर IAS अफसरों का तबादला, कई जिलों के बदले गए कलेक्टर, देखें लिस्ट …

ShivApr 19, 20251 min read

रायपुर।    राज्य सरकार ने बड़े पैमाने पर आईएएस अफसरों…

पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल, कई जगहों के बदले गए थाना प्रभारी, देखें लिस्ट …

पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल, कई जगहों के बदले गए थाना प्रभारी, देखें लिस्ट …

ShivApr 19, 20251 min read

बलौदाबाजार। बलौदाबाजार पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल हुआ है, जिसमें…

April 19, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

हिंदू हाई स्कूल में मिली किताबों पर डीईओ का बयान

रायपुर। हिन्दू हाई स्कूल में मिली हजारों किताबों पर अब जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से बयान सामने आया. जिला शिक्षा अधिकारी विजय खंडेवाल की माने तो पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने जो खुलासा किया वो पूरी तरह गलत है.

बता दें कि पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने सबसे पहले सिलायरी स्थित पेपर मिल में किताब मिलने का मामला उजागर किया था, उसके बाद अभनपुर स्वामी आत्मानंद स्कूल और आज हिंदू हाई स्कूल में किताबें मिलने उजागर किया है.

कांग्रेस विधायक विकास उपाध्याय का आरोप है कि प्रदेशभर में इसी तरह लाखों किताबें रद्दी में डाल दी गई है. खास बात यह है कि किताबें इसी साल की है. जिन किताबों को गरीब बच्चों के बीच होना चाहिए था, वो कबाड़ में मिल रहा. कहीं न कहीं यह खेल करोड़ों के भ्रष्टाचार का है. इस भ्रष्टाचार में नीचे से ऊपर सभी की मिलीभगत है.

हिंदू हाई स्कूल में मिली किताबों पर DEO का बयान

जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. खंडेलवाल के अनुसार, निरीक्षण के दौरान पाई गई ये पुस्तकें छत्तीसगढ़ राज्य ओपन बोर्ड की हैं, जिन्हें वितरण के लिए रखा गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि ये किताबें पात्र छात्रों को वितरित की जाने वाली हैं और यह प्रक्रिया अभी जारी है। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि कुछ किताबें समग्र शिक्षा से संबंधित हैं, जिन्हें पूर्व प्रकाशकों द्वारा सैंपल के रूप में स्कूल में रखा गया है, और ये बच्चों के लिए वितरण के लिए नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ किताबें सत्र 2022-23 के व्यावसायिक पाठ्यक्रम की हैं, जो बच्चों से वितरण के बाद बच गई थीं और नवीन पाठ्यक्रम आने के कारण अब ये अनुपयोगी हो गई हैं।

डॉ. खंडेलवाल ने यह स्पष्ट किया कि यह विद्यालय ओपन परीक्षा बोर्ड का समन्वय केंद्र और संकुल केंद्र भी है, जहां कक्षा 1 से 12 तक के अध्यापन के लिए विभिन्न शासकीय प्रयोजनों के लिए पुस्तकें रखी जाती हैं। उन्होंने कहा कि शासन की किताबें शासकीय परिसर में रखना एक सामान्य प्रक्रिया है, जिसमें किसी भी शासकीय नियम का उल्लंघन नहीं हुआ है। हालांकि, डॉ. खंडेलवाल के इस बयान के बाद भी कई सवाल उठ रहे हैं।

सवाल यह है कि अगर पुस्तक वितरण का कार्य जारी है, तो क्या यह साल भर चलता है ? बगैर पुस्तक के बच्चे पढ़ाई कैसे करते हैं? शिक्षा विभाग के सूत्रों के अनुसार पुस्तक वितरण का प्रावधान स्कूल खुलने से पहले का है। ऐसे में यदि वितरण में लापरवाही हुई है, तो उस पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई? ये मुद्दे शिक्षा विभाग के लिए चिंताजनक बने हुए हैं।