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वेतन विसंगति दूर करने की मांग : हड़ताल पर रहे प्रदेशभर के शिक्षक, सभी जिलों में प्रदर्शन कर निकाली रैली, स्कूलों में ठप रही पढ़ाई

रायपुर।   संविलियन के बाद पुरानी सेवा को शून्य करने से आई वेतन विसंगतियों से नाराज प्रदेशभर के शिक्षक कल हड़ताल पर रहे. शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनरतले सभी जिलों में प्रदर्शन के बाद शिक्षकों ने रैली निकाली निकाली. शिक्षकों के सामूहिक अवकाश पर जाने के कारण आज स्कूलों में पढ़ाई बाधित रही. वहीं प्रदेश के सरकारी स्कूलों के शिक्षक हड़ताल को लेकर मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि शिक्षकों की मांगे सरकार के संज्ञान में है. जल्द उनकी मांगों पर निर्णय होगा.

प्रदेश के शिक्षकों में संविलियन के बाद उनकी वर्षों की पुरानी सेवा को शून्य किए जाने से बड़ी नाराजगी है. इसके कारण उन्हें कर्मचारियों को मिलने वाले त्रिस्तरीय क्रमोन्नति समयमान वेतनमान से वंचित होना पड़ रहा है. OPS में पूर्ण पेंशन नहीं मिल पाएगा. ग्रेज्युटी,कैशलीव जैसी सुविधाओं में भी आंशिक लाभ ही मिल पाएगा, क्योंकि इन सबका पूर्ण लाभ लेने के लिए निर्धारित समयावधि की सेवा आवश्यक होती है. पुरानी सेवा गणना नहीं होने से कई तरह की वेतन विसंगतियां भी शिक्षक एलबी संवर्ग के वेतनमान में आई है.

वेतन विसंगति को दूर करने की बात मोदी की गारंटी में वर्तमान सरकार ने खुद अपने संकल्प पत्र में लिखा है. ऐसे में अपनी इन्ही मांग को लेकर प्रदेशभर के शिक्षक सभी जिला मुख्यालयों में धरना प्रदर्शन कर रैली निकाली. संविलियन आंदोलन के बाद यह पहला आंदोलन है, जिसमें सभी प्रमुख शिक्षक संगठन एक साथ एक मंच पर आकर शिक्षक संघर्ष मोर्चा बनाकर आंदोलन किया.

छग शिक्षक संघर्ष मोर्चा के प्रांत संचालक वीरेंद्र दुबे ने कहा कि डॉ. रमन सिंह सरकार द्वारा किए गए संविलियन से हम कृतज्ञ हैं, जिन्होंने हमें शासकीय शिक्षक बनने का गौरव दिया. संविलियन वर्ष के पूर्व की सेवा अवधि को शून्य मान लेने से हमारी वर्षों की सेवा के लाभ से हमें वंचित होना पड़ रहा है. पूर्व सेवा गणना नहीं होने से क्रमोन्नति, पुरानी पेंशन के पूर्ण पेंशन से भी वंचित हो रहे हैं. समयमान वेतनमान के आधार पर वेतन निर्धारण न होने से बड़ी वेतन विसंगति आ गई है. मोदी की गारंटी में सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति को दूर करने का वादा भी किया गया है, जिसे पूर्ण करने की मांग की जा रही है.

प्रदेश उपसंचालक धर्मेश शर्मा, चन्द्रशेखर तिवारी और जितेंद्र शर्मा ने बताया कि प्रदेश के शिक्षकों ने शिक्षक संघर्ष मोर्चा के नेतृत्व पर भरोसा जताते सामूहिक अवकाश लेकर प्रांतव्यापी जिला स्तरीय धरना प्रदर्शन किया. यह संविलियन आंदोलन के बाद पहला बड़ा प्रदर्शन है, जिसमें एल बी संवर्ग के सभी सहायक शिक्षक, विज्ञान सहायक, प्रधानपाठक (प्राथमिक/माध्यमिक), संकुल समन्वयक,शिक्षक, लाइब्रेरियन, व्याख्याता, प्रभारी प्राचार्य शामिल हुए.

शिक्षकों ने कहा, शिक्षक मोर्चा के नेतृत्व में प्रदेश के शिक्षक अपनी लड़ाई स्वयं लड़ रहे हैं. संविदा शिक्षक से शासकीय शिक्षक बनने तक का संघर्ष किया है. 500 रुपये की तनख्वाह से सातवें वेतनमान दिलाने तक संघर्ष किया है. यह वही नेतृत्व है, जिसने बिना विभाग के कर्मचारी होने के तमगा से शासकीय शिक्षक के गौरव प्राप्त करने का अवसर दिया है. आगे भी इसी के नेतृत्व में हमारी मांगें पूर्ण होगी।