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‘समर्थ -2025′ CA स्टूडेंट्स नेशनल कांफ्रेंस का सफल आयोजन सम्पन्न

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ShivJun 15, 20252 min read

रायपुर।  पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम, रायपुर हो रहे इस राष्ट्रीय…

डुंडा स्थित आवासीय कॉलोनी में रहवासियों द्वारा किया गया शराब दुकान का विरोध

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ShivJun 15, 20251 min read

रायपुर। डुंडा पाम मिडास के बाजू फ्रेंड्स क्लब कॉलोनी के…

ग्रामीणों से भरी पिकअप पलटी, दुर्घटना में 2 महिला 1 पुरूष की मौत, 12 से अधिक गंभीर रूप से घायल

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ShivJun 15, 20252 min read

कोंडागांव।   कोंडागांव जिला में एक पिकअप वाहन के पलटने से…

मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना 2025: बस्तर और सरगुजा में 13 नए ग्रामीण मार्गों का चयन, बस सेवा जल्द होगी शुरू

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ShivJun 15, 20252 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना 2025…

अवैध खनन पर सरकार का एक्शन, राजनांदगाव खनिज अधिकारी को किया सस्पेंड

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ShivJun 15, 20251 min read

रायपुर। खनिज रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन पर प्रभावी…

June 15, 2025

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बीएड डिग्रीधारी लेक्चरर्स को ही प्राचार्य पद पर प्रमोशन देने की मांग, हाईकोर्ट में हुई सुनवाई

बिलासपुर। बीएड डिग्रीधारी लेक्चरर्स को ही प्राचार्य पद पर प्रमोशन देने की मांग को लेकर दायर याचिकाओं पर बुधवार को डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता शिक्षकों के अधिवक्ताओं ने जवाब प्रस्तुत करने के लिए समय मांगा। मामले में गुरुवार को भी सुनवाई जारी रहेगी।

समर वेकेशन से पहले इस मामले में सुनवाई के बाद डिवीजन बेंच ने 9 जून तक प्रमोशन प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। सुनवाई के दौरान राज्य शासन और स्कूल शिक्षा विभाग पर नाराजगी जाहिर करते हुए कोर्ट ने कहा था कि आदेश के बाद भी शिक्षकों को प्राचार्य पद पर ज्वाइन कराया गया। नाराज कोर्ट ने यह भी कहा था कि यह न्यायालयीन अवमानना का मामला बनता है। आगामी आदेश तक सभी ज्वाइनिंग को भी हाईकोर्ट ने अमान्य कर दिया था।

उल्लेखनीय है कि प्राचार्य प्रमोशन को लेकर हाईकोर्ट में कई याचिकाएं लगी है। एक मामला 2019 का है, जबकि दूसरा प्रकरण 2025 और बीएड-डीएलएड से जुड़ा है। 28 मार्च 2025 को जब कोर्ट में पिछली सुनवाई हुई थी तो राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को आश्वस्त किया गया था कि अगली सुनवाई तक प्राचार्य प्रमोशन का आदेश जारी नहीं किया जाएगा। कोर्ट को आश्वस्त करने के बाद भी राज्य शासन ने 30 अप्रैल को प्रमोशन लिस्ट जारी कर दी। अगले दिन एक मई को हाईकोर्ट ने इस पूरी प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी।

सुनवाई के दौरान डिवीजन बेंच के समक्ष याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने ज्वाइनिंग का मुद्दा भी उठाया था। कोर्ट ने लेक्चरर से प्रिंसिपल पद पर पदोन्नति पर 7 मई तक रोक लगा दी थी। इसके बाद भी कई जिलों में ज्वाइनिंग करा दी गई। बताया गया कि प्राचार्यों के प्रमोशन आदेश में स्पष्ट तौर पर उल्लेख किया गया था कि यह पदोन्नति हाईकोर्ट के आदेश के अधीन रहेगी। इसके बाद भी कई जगहों पर प्राचार्य पद पर ज्वाइनिंग देकर पावती ले ली गई। इसमें डीईओ और व्याख्याताओं के मिलीभगत की बात भी उठाई गई। ऐसे शिक्षकों की निलंबन की मांग भी की गई।