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पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर छत्तीसगढ़ में राजकीय शोक

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर छत्तीसगढ़ में राजकीय शोक

ShivDec 27, 20241 min read

रायपुर। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर छत्तीसगढ़…

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर किया दुःख व्यक्त

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ShivDec 26, 20241 min read

रायपुर।   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन…

वीर बाल दिवस : पत्रकारिता विश्वविद्यालय में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन, लड़कियों ने मारी बाजी

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ShivDec 26, 20242 min read

रायपुर।    कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय में वीर…

अटल जन्म शताब्दी पर राजभवन में काव्यपाठ, राज्यपाल से सम्मानित हुए ‘लघु अटल’ विकास शर्मा

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ShivDec 26, 20241 min read

रायपुर।    पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मशती के…

December 27, 2024

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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की संसद सदस्यता समाप्त करने की मांग, सर्व समाज संगठन ने उपराष्ट्रपति धनखड़ को लिखा पत्र…

कांकेर।  राज्यसभा में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के अंबेडकर पर दिए बयान को लेकर कई जगहों पर विरोध जारी है. अब उनके संसद सदस्यता समाप्त करने की मांग उठी है. दरअसल, सर्व समाज संगठन ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की संसद सदस्यता समाप्त करने की मांग की है.

सर्व समाज संगठन ने पत्र में लिखा कि 17 दिसंबर 2024 को राज्यसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने डॉ. अंबेडकर को लेकर उपेक्षापूर्ण शब्दों का इस्तेमाल किया. उन्होंने कहा था आजकल अंबेडकर का नाम फैशन बन गया है और अगर इतना नाम भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता. इतना ही नहीं उन्होने संविधान निर्मात्री समिति के कुल सदस्यों को गिनती में बताया साथ ही तीन नामों का उल्लेख करते हुए अंतिम नाम उपेक्षा भाव से अम्बेडकर जी का लिया. गृहमंत्री अमित शाह का यह भाव स्वयं स्पष्ट है कि उनका भाव. बीजेपी का भाव, आर.एस.एस. का भाव अम्बेडकर और संविधान के प्रति अत्यंत उपेक्षा का है.

वहीं संघ प्रमुख मोहन भागवत के आरक्षण पर पुनर्विचार की बात को भी दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग के विरोध में बताया गया. संगठन ने चेतावनी दी कि ऐसे बयान देश में अराजकता फैला सकते हैं और संविधान और डॉ. अंबेडकर के अनुयायियों में आक्रोश पैदा कर सकते हैं.