Special Story

माओवादी संगठन को बड़ा झटका, नक्सल डिप्टी कमांडर ने किया सरेंडर, कई बड़ी वारदातों में था शामिल

माओवादी संगठन को बड़ा झटका, नक्सल डिप्टी कमांडर ने किया सरेंडर, कई बड़ी वारदातों में था शामिल

ShivApr 15, 20252 min read

मोहला-मानपुर।  बस्तर और महाराष्ट्र के मध्य माओवादियों के जंक्शन माने…

अखिल भारतीय पुलिस बैडमिंटन मिक्सड डबल्स में छत्तीसगढ़ का परचम लहराया

अखिल भारतीय पुलिस बैडमिंटन मिक्सड डबल्स में छत्तीसगढ़ का परचम लहराया

ShivApr 15, 20251 min read

रायपुर।    अखिल भारतीय पुलिस बैडमिंटन एवं टेबल टेनिस टूर्नामेंट…

पुलिस ने पकड़ी 56 किलो चांदी…  ले जाने के तरीके से पुलिस शॉक्ड

पुलिस ने पकड़ी 56 किलो चांदी…  ले जाने के तरीके से पुलिस शॉक्ड

ShivApr 15, 20252 min read

रायपुर।    राजधानी रायपुर की खमतराई थाना पुलिस ने 56…

April 16, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

मेंटल हॉस्पिटल में स्टाफ की नियुक्ति में देरी, हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी, मुख्य सचिव को शपथ पत्र में भर्ती प्रक्रिया की वास्तविक स्थिति बताने के दिए निर्देश

बिलासपुर।  हाईकोर्ट ने प्रदेश के एकमात्र मानसिक चिकित्सालय (मेंटल हॉस्पिटल) में मनोरोग विशेषज्ञों और अन्य स्टाफ की नियुक्ति में हो रही देरी पर कड़ी नाराजगी जताई है। कोर्ट ने चीफ सेक्रेटरी को डाक्टरों की नियुक्ति के आंकड़े, नाम और तिथि के साथ ही सभी जानकारी शपथ पत्र के साथ पेश करने कहा है। अदालत ने मुख्य सचिव को शपथ पत्र के जरिए सभी स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है।

इस मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने राज्य सरकार को याद दिलाया कि 22 अगस्त 2024 को जारी आदेश के बाद कई बार सुनवाई हो चुकी है, लेकिन अब तक भर्ती प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। सरकार की उदासीनता पर कड़ी टिप्पणी भी कोर्ट ने की है। मानसिक चिकित्सालय में स्टाफ की कमी को लेकर एक अन्य जनहित याचिका भी दायर की गई। इन दोनों याचिकाओं पर हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में एक साथ सुनवाई चल रही है।

मामले की पिछली सुनवाई में राज्य सरकार ने बताया था कि अस्पताल में बिस्तरों की संख्या 200 करने की योजना है, जिसके तहत विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति की जा रही है। सरकार ने यह भी कहा था कि भर्ती प्रक्रिया जल्द पूरी होगी। इससे पहले, 22 अगस्त 2024 के आदेश के अनुपालन में मुख्य सचिव की ओर से पेश किए गए शपथ पत्र में बताया गया था कि राज्य भर में वर्ग-III और वर्ग-IV के कुल 650 पदों पर भर्ती की जानी है, जिसमें मानसिक चिकित्सालय, सेंदरी के लिए भी नियुक्तियां शामिल हैं, लेकिन अब तक इस प्रक्रिया की पूर्णता की कोई ठोस जानकारी अदालत को नहीं दी गई। कोर्ट ने इस देरी पर नाराजगी जताई और मुख्य सचिव को शपथ पत्र में भर्ती प्रक्रिया की वास्तविक स्थिति बताने कहा है।