Special Story

दो चरणों में होगी जातिगत जनगणना, 1 अक्टूबर 2026 से होगी पहले फेज की शुरुआत

दो चरणों में होगी जातिगत जनगणना, 1 अक्टूबर 2026 से होगी पहले फेज की शुरुआत

ShivJun 4, 20251 min read

नई दिल्ली। देश में लंबे समय से रुकी हुई जनगणना…

IAS सौरभ कुमार जायेंगे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर, राजस्व विभाग में बनेंगे निदेशक

IAS सौरभ कुमार जायेंगे केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर, राजस्व विभाग में बनेंगे निदेशक

ShivJun 4, 20251 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अधिकारी सौरभ कुमार को केंद्र…

NIT रायपुर द्वारा प्लास्टिक इंडस्ट्री विजिट और एक्सपर्ट लेक्चर का किया गया आयोजन

NIT रायपुर द्वारा प्लास्टिक इंडस्ट्री विजिट और एक्सपर्ट लेक्चर का किया गया आयोजन

ShivJun 4, 20253 min read

रायपुर।  राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) रायपुर में 31 मई से…

June 5, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

गौशाला में गायों की मौत : कांग्रेस ने बनाई तीन सदस्यीय जांच समिति, वरिष्ठ नेता धनेंद्र साहू को बनाए गए संयोजक

रायपुर। गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर विकासखण्ड के ग्राम कोपरा स्थित शिवबाबा कोपेश्वरनाथ गौ-शाला में विगत दिनों कई गायों की मौत हुई थी. इस की घटना को गंभीरता से लेते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं वरिष्ठ नेता धनेन्द्र साहू के संयोजकत्व में 3 सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है.

जांच समिति में पूर्व मंत्री अमितेश शुक्ल, पूर्व विधायक विनोद चंद्राकर सदस्य बनाए गए हैं. जांच समिति कोपरा गौशाला जाएंगे एवं ग्रामवासियों से भेंटकर घटना की वस्तुस्थिति से अवगत होकर अपनी जांच रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी को देंगे.

दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज

बता दें कि इस मामले में पुलिस ने शिवबाबा कोपेश्वर नाथ संस्था के अध्यक्ष मनोज साहू और संयोजक हलधरनाथ गोस्वामी के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियमन और बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया है. कोपरा नगर पंचायत के सीएमओ ने पांडुका थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई है कि 02.02.2025 से 07. 03.2025 तक कुल 19 मवेशियों की मौत हुई है. गायों के खानपान एवं सुरक्षा की जिम्मेदारी शिवबाबा कोपेश्वर नाथ संस्था के अध्यक्ष मनोज साहू और संयोजक हलधरनाथ गोस्वामी की थी, लेकिन दोनों की लापरवाही के कारण पशुओं को समय पर खाना नहीं दिया गया. इसके कारण मशेवियों की बीते एक महीने में असमय मृत्यु हुई. आरोपियों के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम 1960 और बीएनएस के धाराओं में अपराध पंजीबद्ध किया गया. साथ ही पृथक से प्रतिबंधात्मक कार्यवाही की जा रही है.