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मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ क्रिकेट प्रीमियर लीग सीजन 2 के समापन समारोह में हुए शामिल

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ShivJun 15, 20252 min read

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज यहां नवा रायपुर के…

थाना प्रभारी सहित पुलिसकर्मियों के हुए तबादले, देखिये किसे कहां भेजा गया

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ShivJun 15, 20251 min read

दुर्ग। जिले में प्रशासनिक कारणों से शनिवार को पुलिस अधीक्षक…

‘समर्थ -2025′ CA स्टूडेंट्स नेशनल कांफ्रेंस का सफल आयोजन सम्पन्न

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ShivJun 15, 20252 min read

रायपुर।  पं. दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम, रायपुर हो रहे इस राष्ट्रीय…

डुंडा स्थित आवासीय कॉलोनी में रहवासियों द्वारा किया गया शराब दुकान का विरोध

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ShivJun 15, 20251 min read

रायपुर। डुंडा पाम मिडास के बाजू फ्रेंड्स क्लब कॉलोनी के…

ग्रामीणों से भरी पिकअप पलटी, दुर्घटना में 2 महिला 1 पुरूष की मौत, 12 से अधिक गंभीर रूप से घायल

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ShivJun 15, 20252 min read

कोंडागांव।   कोंडागांव जिला में एक पिकअप वाहन के पलटने से…

June 15, 2025

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जलवायु संकट में जानलेवा होर्डिंग्स! रायपुर में फ्लैक्स-बोर्ड बने बिजली संकट की वजह

रायपुर। जलवायु परिवर्तन अब एक चेतावनी नहीं, बल्कि एक जीवंत संकट बन चुका है। इसकी मार देशभर में महसूस की जा रही है, और रायपुर भी इससे अछूता नहीं है। हाल के आंधी-तूफानों ने न केवल जनजीवन को प्रभावित किया, बल्कि शहर के बड़े विज्ञापन फ्लैक्स और होर्डिंग्स ने बिजली आपूर्ति तक ठप कर दी.

पर्यावरणविद नितिन सिंघवी ने इस पर गंभीर चिंता जताते हुए राज्य सरकार के शीर्ष अधिकारियों — मुख्य सचिव, नगरीय प्रशासन विभाग व ऊर्जा विभाग के सचिवों — को पत्र लिखकर आगाह किया है कि अब “जलवायु परिवर्तन” नहीं, “जलवायु संकट” है, जिसमें हर मौसमीय घटना पहले से अधिक तीव्र, अधिक चरम और अधिक विनाशकारी होगी।

सिंघवी ने उदाहरण देते हुए बताया कि 1 मई 2025 को आई तेज आंधी में रायपुर के देवेंद्र नगर क्षेत्र में बना एक शेड उड़कर गिर गया, और राष्ट्रीय राजमार्ग पर बना टोल प्लाज़ा भी इसकी चपेट में आ गया। वहीं, 10 जून की आंधी में शहरभर में फ्लैक्स और होर्डिंग्स उड़कर बिजली के तारों पर जा गिरे, जिससे कई इलाकों की बिजली घंटों ठप रही। शंकर नगर चौक का उदाहरण देते हुए उन्होंने लिखा कि एक फटा हुआ फ्लैक्स का टुकड़ा 33 केवी की लाइन पर गिर गया, जिससे उस क्षेत्र की बिजली आपूर्ति रात 2 बजे जाकर बहाल हो सकी।

उन्होंने बताया कि बिजली कंपनी के कर्मचारियों को शंकर नगर के एक ही इलाके में  35 से ज्यादा जगहों से फ्लैक्स हटाने पड़े, जिससे आधी रात तक लोग गर्मी और मच्छरों के बीच अंधेरे में रहने को मजबूर हो गए।

सिंघवी ने स्पष्ट कहा है कि यह केवल तकनीकी या नगरीय समस्या नहीं, बल्कि “क्लाइमेट अडॉप्शन” का मामला है। उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसे होर्डिंग स्ट्रक्चर्स को चिह्नित कर हटाया जाए जो आंधी-तूफान में खतरा बन सकते हैं।

इसके साथ ही उन्होंने मांग की है कि छत्तीसगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड की पूर्व अनुमति के बिना कोई भी होर्डिंग न लगाया जाए, और ऐसे सभी खतरनाक होर्डिंग्स पर तत्काल कार्रवाई की जाए।

सिंघवी ने अंत में लिखा – “हजारों-लाखों लोगों की सुरक्षा और सुविधा, कुछ लाख रुपये के विज्ञापन राजस्व से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है। अब समय है कि हम राजस्व नहीं, जीवन को प्राथमिकता दें।”