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मेलों और उत्सवों को पूरा प्रोत्साहन देगी राज्य सरकार: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivNov 17, 20242 min read

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि राज्य सरकार…

भारत की पहचान अपनी गुरूत्व शक्ति : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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ShivNov 17, 20243 min read

भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि भारत…

छत्तीसगढ़ में बैगा आदिवासियों के साथ 50 लाख का फर्जीवाड़ा!

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ShivNov 17, 20242 min read

कवर्धा।  छत्तीसगढ़ में बैगा आदिवासियों के नाम पर कथित रूप…

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने लाला लाजपत राय की पुण्यतिथि पर उन्हें किया नमन

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ShivNov 17, 20241 min read

रायपुर।     मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पंजाब केसरी लाला लाजपत…

कमिश्नर ने पलट दिया कलेक्टर-एसडीएम का आदेश, अतिक्रमण पर सरपंच के खिलाफ अब होगी जांच…

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ShivNov 17, 20242 min read

रायपुर। सरपंच और उसके परिजनों के विरुद्ध उपसरपंच और पंचों ने…

November 17, 2024

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Home » दंडकारण्य क्षेत्र हुआ राममय, मंत्री केदार कश्यप हुए भावुक, कहा- प्राण प्रतिष्ठा का साक्षी बनना जीवन के लिए सौभाग्य का क्षण…

दंडकारण्य क्षेत्र हुआ राममय, मंत्री केदार कश्यप हुए भावुक, कहा- प्राण प्रतिष्ठा का साक्षी बनना जीवन के लिए सौभाग्य का क्षण…

रायपुर। अयोध्या में श्रीराम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर दंडकारण्य क्षेत्र भी राममय हो गया है. इस अवसर पर जगदलपुर में आयोजित संकीर्तन कार्यक्रम में दौरान वन मंत्री केदार कश्यप शामिल हुए. उन्होंने कहा कि ये हम सब के लिए सौभाग्य का क्षण है. हम ऐसे समय के साक्षी बन रहे हैं, जब भगवान राम के मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा हो रहा है. 

मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि बस्तर में श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर खुशी का माहौल है. इसके लिए हमारे पूर्वजों ने लंबे समय तक संघर्ष किया. गोलियां चली, लाठियां खाईं, शहादत दी और उसके बाद आज भगवान राम का मंदिर बन गया है. ये समय हर्ष का विषय है. भगवान राम के ननिहाल छत्तीसगढ़ में भी हर्षोल्लास है.

उन्होंने कहा कि पूरे बस्तर को दंडकारण्य भूमि के रूप में मानते हैं. यहां पर भगवान राम के पदचरण पड़े थे. इस कारण से बस्तर के पूरे जंगल में कांटा नहीं मिलता, क्योंकि भगवान राम के पद चरण पड़े थे. हम ये भी मानते हैं कि प्रभु राम की कल्पना में जो चित्र सामने आता है, वो राजा के रूप में नहीं, वनवासी की वेशभूषा में दिखाई देते हैं.

मंत्री कश्यप ने कहा कि श्रीराम जब अयोध्या में थे, तब राजा राम के रूप में जाना जाता था. जब प्रभु प्रभु ने दंडकारण्य की पावन भूमि पर कदम रखा तो उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम राम के रूप में पहचान मिली. आज राम मंदिर निर्माण की खुशी में बस्तर सहित पूरे छत्तीसगढ़ के लोग शामिल हो रहे हैं, ये बहुत हर्ष का विषय है.