Special Story

सरकार ने जारी की निगम, मंडल, बोर्ड और आयोग में अध्यक्ष पद की सूची, देखें पूरी लिस्ट…

सरकार ने जारी की निगम, मंडल, बोर्ड और आयोग में अध्यक्ष पद की सूची, देखें पूरी लिस्ट…

ShivApr 2, 20252 min read

रायपुर।  छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार ने निगम, मंडल, बोर्ड और…

प्रदेश में संपत्ति कर जमा करने की तिथि बढ़ी, अब 30 अप्रैल तक कर सकते हैं भुगतान

प्रदेश में संपत्ति कर जमा करने की तिथि बढ़ी, अब 30 अप्रैल तक कर सकते हैं भुगतान

ShivApr 2, 20251 min read

रायपुर।   साय सरकार ने प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में…

April 2, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

साइबर की पाठशाला : CG Police का ऑनलाइन ट्रेनिंग सेशन, छात्रों को दिए टिप्स, जानिए साइबर अपराध से बचने के तरीके…

रायपुर। देशभर में बढ़ते साइबर अपराध के बीच जीपीएम पुलिस ने अच्छी पहल की है। जिले की पुलिस कप्तान आईपीएस भावना गुप्ता ने आज जीपीएम पुलिस के फेसबुक पेज पर एक विषेश ऑनलाइन ट्रेनिंग सेशन आयोजित की। साइबर की पाठशाला कार्यक्रम में साइबर अपराध और साइबर पैरेंटिंग को लेकर साइबर कंसल्टेंट व ट्रेनर डॉ. रक्षित टंडन ने कई अहम विषयों पर स्कूली छात्रों से बातचीत की। इस विशेष लाइव प्रशिक्षण सत्र में जिले के कई विद्यालयों के प्राचार्य, शिक्षकों और छात्रों समेत अभिभावकों को जोड़ा गया। पूरा सेशन 10 वर्ष से 18 वर्ष के आयु वर्ग के छात्रों को ध्यान में रखकर किया गया।

साइबर कंसल्टेंट और ट्रेनर डॉ. रक्षित टंडन ने इस विशेष लाइव सत्र में साइबर वर्ल्ड में सर्फिंग के दौरान बच्चों से जुड़े खतरों और सुरक्षित सर्फिंग टिप्स दिए। लाइव सेशन के दौरान डॉ. रक्षित टंडन ने बच्चों से ऑनलाइन गेमिंग और मोबाइल पर गेम्स खेलने के दौरान होने वाली गलतियों के बारे में बात की। पहले उन्होंने बच्चों से पूछा कि कौन सा गेम खेलते हो। फिर उस गेम को सबके सामने गूगल प्ले स्टोर पर दिखाया तो सभी दंग रह गए। दरअसल, उस गेम के लिए एक आयु सीमा निर्धारित थी, जिसका ध्यान किसी ने नहीं रखा।

प्ले स्टोर पर ऐसे कई सारे गेम्स है, जिनके एक्सेस के लिए तय किमत देनी होती है। कुछ इन्हें खेलने के लिए किसी वेबसाइट से apk फाइल डाउनलोड करते लेते है. इस पर साइबर ट्रेनर ने कहा कि फ्री गेम्स के चक्कर में फेक .apk file download करने से बचना चाहिए। साइबर हाइजीन पर बात करते हुए उन्होंने आगे सभी बच्चों से गेम खेलने के दौरान और डाउनलोड करने के दौरान कई बार दिखने वाले आपत्तिजनक वीडियो पर भी बात की तथा शिक्षकों अभिभावकों से बच्चों के मन मस्तिष्क को मिलने वाली ऑनलाइन डाइट पर भी ध्यान रखने सलाह दी।

बच्चों ने पूछे डॉ रक्षित टंडन से अहम सवाल

आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल सेजस से 8वीं की छात्रा आकांक्षा और गौरेला मां कल्याणिका स्कूल के 11वीं के छात्र मयंक ने साइबर फिशिंग से बचने के तरीके के बारे में पूछा। साथ ही ऐसे ऐप्स, लिंक के बारे में पूछा जिससे किसी भी ऐप, लिंक का सेफ या खतरनाक पता चल सके। जिसके बाद डॉ रक्षित टंडन ने बच्चों को बताया कि फिशिंग लिंक्स में न फंसे और फेक.apk फाइल से बचने के लिए ऐसे ऐप और लिंक की जांच करने के लिए www.virustotal.com की जालकारी दी। ऑनलाइन स्क्रीन शेयर करते हुए कुछ फेक लिंक्स के खतरों और मालवेयर को भी दिखाया। साथ ही www.sancharsathi.gov.in के बारे में भी बताया गया। डायल 1930 की उपयोगिता और www.cybercrime.gov.in पर जाकर रिपोर्टिंग करने और खुद को प्रशिक्षित करने के लिंक्स को भी ऑनलाइन दिखाया गया।

सेजस इंग्लिश मीडियम स्कूल की आठवीं के छात्र आर्यन ने पूछा, क्या हैकर्स मोबाइल या लैपटॉप का वेब कैमरा, फ्रंट कैमरा भी हैक कर सकते हैं। इस सनाल पर डॉ रक्षित टंडन ने बताया कि कुछ ऐसे हैकर्स हैं जो ये करते हैं। इसलिए वेब कैमरा जब इस्तेमाल में नहीं हो तब वेब कैम कवर लगाए। वहीं कुछ ऑनलाइन प्रोडक्ट्स भी स्क्रीन पर साझा किए, जिससे वेब कैम को कवर किया जा सकता है।