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भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि स्व-सहायता समूह…

ग्लोबल स्किल पार्क की सभी सीटें भरी जाएं : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

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छत्तीसगढ़ का सामाजिक सशक्तिकरण मॉडल हुआ पेश, लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा- सामाजिक न्याय हर व्यक्ति तक पहुँचा

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ShivApr 9, 20253 min read

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भाजपा-कांग्रेस कार्यकर्ताओं में झड़प, दोनों पक्ष के सैकड़ों लोग पहुंचे थाने

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ShivApr 9, 20252 min read

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April 10, 2025

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साइबर क्राइम पर शिकंजा : पुलिस ने 10 म्यूल अकाउंट धारकों को किया गिरफ्तार, 2.88 करोड़ की ठगी का खुलासा

खैरागढ़। छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों में पुलिस लगातार साइबर क्राइम के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. इसी कड़ी में खैरागढ़-छुईखदान-गंडई पुलिस और साइबर सेल की संयुक्त कार्रवाई में साइबर ठगी में लिप्त 10 म्यूल अकाउंट धारकों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि ये आरोपी अपने बैंक खातों के जरिए साइबर ठगी और अन्य आपराधिक स्रोतों से प्राप्त राशि का हेरफेर कर रहे थे. अब तक कुल ₹2.88 करोड़ से अधिक के ट्रांजेक्शन का पता चला है.

संयुक्त कार्रवाई में मिली बड़ी सफलता

पुलिस अधीक्षक त्रिलोक बंसल के निर्देशन में खैरागढ़ पुलिस ने साइबर ठगी के मामलों पर सख्त निगरानी रखते हुए 19 संदिग्ध बैंक खातों की जांच की. जांच के दौरान पाया गया कि इन खातों में देशभर के अलग-अलग हिस्सों से साइबर फ्रॉड की रकम जमा की गई थी.

आरोपियों ने अपने बैंक खाते किराए पर देकर या कमीशन लेकर इन ठगी की रकम को आगे ट्रांसफर किया. कई खातों में बार-बार साइबर ठगी की रकम जमा होने के प्रमाण मिले, जिससे यह साफ हुआ कि ये लोग संगठित साइबर अपराधियों के संपर्क में थे.

इन धाराओं के तहत मामला दर्ज

पुलिस ने बीएनएस 2023 की धारा 317(2), 317(4), 318(4), 61 (2)(क) और आईटी एक्ट 66-डी के तहत 10 खाताधारकों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है. शेष 9 संदिग्ध खाताधारकों की तलाश जारी है.

साइबर ठगी से बचाव के लिए रहें सतर्क

साइबर ठग आम लोगों को आसानी से पैसे कमाने का लालच देकर उनके बैंक खाते किराए पर लेने या उनका इस्तेमाल करने का प्रस्ताव देते हैं. ऐसे मामलों में संलिप्त होना कानूनी रूप से अपराध है और सख्त सजा का प्रावधान है. अगर कोई अनजान व्यक्ति बैंक खाता, आधार कार्ड, सिम कार्ड या अन्य वित्तीय जानकारी साझा करने के लिए कहे, तो तुरंत सतर्क हो जाएं और पुलिस को सूचित करें. अपना खाता किसी भी संदिग्ध लेन-देन के लिए इस्तेमाल न होने दें, वरना आप कानूनी पचड़ों में फंस सकते हैं.

अगर किसी को साइबर ठगी का शिकार बनाया गया है, तो तुरंत राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर संपर्क करें या साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें.