सौम्या चौरसिया की जमानत पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
रायपुर। कोयला घोटाला केस में जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की निलंबित उपसचिव सौम्या चौरसिया की ओर से ईओडब्ल्यू कोर्ट में जमानत के लिए दाखिल याचिका पर सुनवाई खत्म हो गई है। सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
सौम्या के वकील ने कोर्ट के लिए जमानत के दलील रखी और बताया कि पिछली न्यायिक रिमांड डेट पर ईओडब्ल्यू के पत्र का हवाला देते हुए कहा कि जांच एजेंसी ने खुद अपने प्रस्तुत पत्र में अभियुक्ता को न्यायिक रिमांड में रखने की आवश्यकता नहीं बताई थी। साथ ही ईडी के एफआइआर और ईओडब्ल्यू की एफआइआर में कही भी पद का दुरुपयोग करने का सुबूत नहीं है।
एसीबी की तरफ से डॉ. सौरभ कुमार पांडे और बचाव पक्ष से बिलासपुर हाईकोर्ट के वकील हर्षवर्धन परघनिया, फैसल रिजवी के बीच करीब एक घंटे तक बहस चली। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील को सुनने के बाद सौम्या चौरसिया की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा है।
महादेव एप सट्टेबाजी केस में नीतीश दीवान को न्यायिक हिरासत में भेजा
वहीं महादेव एप सट्टेबाजी केस में ईओडब्ल्यू की दो दिन की रिमांड पर चल रहे नीतीश दीवान को बुधवार विशेष कोर्ट में पेश किया गया, जहां दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने 14 दिन यानि 10 जुलाई तक नीतीश को न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश सुनाया।
एसीबी के अधिवक्ता मिथलेश वर्मा ने बताया कि दो दिन की पूछताछ के बाद नीतीश को कोर्ट में पेश किया गया था।ईओडब्ल्यू की ओर से और रिमांड की मांग नहीं की गई लिहाजा उसे कोर्ट ने न्यायिक रिमांड पर जेल भेजने का आदेश सुनाया।
नीतीश दीवान से ईडी की टीम पहले भी पूछताछ कर चुकी है। महादेव सट्टा से जुड़े लोग जब गिरफ्त में आए थे और उनसे पूछताछ की गई तो हर पूछताछ में नीतीश दीवान का भी नाम सामने आया था।दीवान ने आनलाइन सट्टेबाजी से जुड़े कई राज खोले थे।उसने स्वीकार किया था कि वह एप के प्रमोटर सौरभ चंद्राकर के साथ रहकर पैनल आपरेटर का काम किया करता था।