Special Story

मध्यप्रदेश स्थापना दिवस पर भोपाल में होगा भव्य ड्रोन शो : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

मध्यप्रदेश स्थापना दिवस पर भोपाल में होगा भव्य ड्रोन शो : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivApr 23, 20252 min read

भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है किमध्यप्रदेश स्थापना दिवस…

आतंकी हमले में मारे गए कारोबारी दिनेश मिरानिया का शव पहुंचा रायपुर, श्रद्धांजलि देने उमड़ी भीड़

आतंकी हमले में मारे गए कारोबारी दिनेश मिरानिया का शव पहुंचा रायपुर, श्रद्धांजलि देने उमड़ी भीड़

ShivApr 23, 20252 min read

रायपुर।   जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले…

महिला कोटवार ने सरकार से मांगी स्कूटी, सुशासन तिहार में आवेदन देकर बताई समस्या

महिला कोटवार ने सरकार से मांगी स्कूटी, सुशासन तिहार में आवेदन देकर बताई समस्या

ShivApr 23, 20252 min read

तखतपुर। बिलासपुर जिले के तखतपुर से एक अनोखा मामला सामने…

April 23, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

कुटीर और ग्रामोद्योग उत्पाद ऑनलाइन प्लेटफार्म पर उपलब्ध हों: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

भोपाल।    मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि कुटीर एवं ग्रामोद्योग, औद्योगिकरण की सबसे छोटी इकाई हैं। इसमें ग्राम स्तर तक लोगों को उद्यमिता और उत्पादन से जोड़ा जा सकता है। क्षेत्रवार गतिविधियों को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। उज्जैन, महेश्वर, चंदेरी, भोपाल, ग्वालियर आदि की हस्तशिल्प कला और हथकरघा से निर्मित सामग्री की बेहतर मार्केटिंग और ब्रांडिंग सुनिश्चित की जाए। कुटीर और ग्राम स्तर पर गतिविधियों का विस्तार करते हुए उत्पादों को ऑनलाइन प्लेटफार्म पर उपलब्ध कराया जाए। इसके लिए ग्राम और परिवार स्तर पर आवश्यक प्रशिक्षण, मार्केट लिंकेज और बेहतर प्रस्तुतिकरण के लिए कार्य योजना बनाई जाए। विभाग, स्वयं सामग्री का उत्पादन करने के स्थान पर निजी स्तर पर संचालित गतिविधियों को प्रोत्साहन प्रदान करने की नीति अपनाएं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंत्रालय में कुटीर एवं ग्रामोद्योग विभाग की बैठक कर गतिविधियों की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में कुटीर एवं ग्रामोद्योग राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिलीप जयसवाल, मुख्य सचिव अनुराग जैन, अपर मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री कार्यालय) डॉ. राजेश राजौरा तथा अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कुटीर एवं ग्रामोद्योग के अंर्तगत खाद्य सामग्री से संबंधित उत्पादों को भी जोड़ना आवश्यक है। मधुमक्खी पालन और शहद उत्पदन को सहायक गतिविधि के रूप में लेने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। प्रदेश में विद्यमान धार्मिक स्थलों के आसपास भगवान के वस्त्र निर्माण, धातु- लकड़ी- मिट्टी की मूर्तियों के निर्माण और अन्य पूजा सामग्री बनाने से स्थानीय युवाओं को जोड़कर स्वरोजगार की गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जा सकता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पीएम विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत हुई प्रगति की सराहना की।

बैठक में जानकारी दी गई कि माँ अहिल्या देवी की 300 वीं जन्म जयंती के अवसर पर महेश्वर किले में उकेरे डिजाइनों और पैटर्नों को साड़ियों पर उकेर कर माँ अहिल्या देवी के नाम से साड़ियों का नया कलेक्शन जारी किया जाएगा। प्रदेश में रेशम केंद्रों को सिल्क टूरिज्म के रूप में विकसित करना भी प्रस्तावित है। बुरहानपुर में परम्परागत रूप से चली आ रही रेशम और खादी की गतिविधियों को पुनर्जीवित करने के लिए 10 लूम और 50 चरखों की व्यवस्था की जा रही है। शीघ्र ही वहां खादी उत्पादन केंद्र आरंभ किया जाएगा, जिससे लगभग 100 लोगों को रोजगार मिल सकेगा। पचमढ़ी में सिल्क टेक पार्क का उद्घाटन किया गया है, जहां मलबरी, टसर, एरी और मुंगा चारों प्रकार के रेशम उगाए जा रहे हैं। रेशम उत्पादों को आधुनिक फैशन के साथ जोड़ने के उद्देश्य से इंदौर और मुम्बई में फैशन तकनीकी छात्रों और शासकीय संस्थाओं की मदद से फैशन शो आयोजित किए गए। इन नवाचारों से प्रदेश के कारीगरों का आर्थिक सशक्तिकरण होने के साथ-साथ प्रदेश के रेशम उत्पादों को राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विशेष पहचान मिल रही है।