Special Story

प्रदेश में नशीली दवाओं के खिलाफ चल रही मुहिम तेज, 25 मेडिकल स्टोरों की लाइसेंस निरस्त…

प्रदेश में नशीली दवाओं के खिलाफ चल रही मुहिम तेज, 25 मेडिकल स्टोरों की लाइसेंस निरस्त…

ShivJun 9, 20252 min read

रायपुर। प्रदेश में नशीली दवाइयों के अवैध व्यापार पर अंकुश लगाने…

dummy-img

भव्य एवं धूमधाम से मनाया जायेगा “रथयात्रा महोत्सव” : पुरन्दर मिश्रा

ShivJun 9, 20251 min read

रायपुर। प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी राजधानी रायपुर…

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने EVM-VVPAT वेयरहाउस का किया त्रैमासिक निरीक्षण

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने EVM-VVPAT वेयरहाउस का किया त्रैमासिक निरीक्षण

ShivJun 9, 20251 min read

रायपुर। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी यशवंत कुमार ने सोमवार को रायपुर…

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शहीद एएसपी आकाश राव गिरपुंजे के निवास पहुंचकर दी श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शहीद एएसपी आकाश राव गिरपुंजे के निवास पहुंचकर दी श्रद्धांजलि

ShivJun 9, 20252 min read

रायपुर।   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज सुकमा जिले के कोंटा…

सुशासन की नई परिभाषा गढ़ता चिंतन शिविर 2.0: तकनीक और नवाचार से गुड गवर्नेंस की राह

सुशासन की नई परिभाषा गढ़ता चिंतन शिविर 2.0: तकनीक और नवाचार से गुड गवर्नेंस की राह

ShivJun 9, 20252 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार के कामकाज को और अधिक प्रभावी एवं…

June 9, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

सरकारी गाड़ी में पेट्रोल भरवाने के नाम पर किया लाखों का भ्रष्टाचार, उच्च शिक्षा विभाग के बाबू के खिलाफ दर्ज किया गया केस

रायपुर। उच्च शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय कार्यालय में पदस्थ एक सहायक ग्रेड-2 कर्मचारी आकाश श्रीवास्तव द्वारा सरकारी गाड़ी में पेट्रोल भरवाने के नाम पर लाखों रुपए का भ्रष्टाचार करने का मामला सामने आया था, जिसके बाद उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त जनक पाठक ने उसे निलंबित करने का आदेश दिया था। अब उच्च शिक्षा विभाग की शिकायत पर आकाश श्रीवास्तव के खिलाफ सरकारी पैसे के गबन के आरोप में सरस्वती नगर थाना पुलिस ने FIR दर्ज की है।

देखें FIR की कॉपी

कैसे हुआ घोटाला?

जांच रिपोर्ट के अनुसार, क्षेत्रीय कार्यालय रायपुर में अपर संचालक की गाड़ी बिना चले ही 6 महीने में 6 लाख रुपए का पेट्रोल खपत कर गई। इस गड़बड़ी का मास्टरमाइंड बाबू आकाश श्रीवास्तव था, जिसने सुनियोजित तरीके से कूटरचना कर करीब 18.55 लाख रुपए का गबन किया।

इसके अलावा, इसी कार्यालय में चार ऐसे कर्मचारियों को हर महीने वेतन देने के नाम पर 10 महीने तक 10-10 हजार रुपए निकाले गए, जो वास्तव में पदस्थ ही नहीं थे। देवकुमार वर्मा, अजय टंडन, भूपेंद्र वर्मा और खिलावन जोशी के नाम पर यह फर्जीवाड़ा किया गया।

बहरहाल, इस घोटाले के उजागर होने के बाद उच्च शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। आशंका जताई जा रही है कि जांच के दौरान और भी कर्मचारियों के नाम सामने आ सकते हैं। प्रशासन ने इस मामले में शामिल अन्य दोषियों पर सख्त कार्रवाई के संकेत दिए हैं।