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कल जेल से बाहर आएंगे सौम्या, रानू समेत 6 आरोपी, लेकिन छत्तीसगढ़ में रहने पर पाबंदी

कल जेल से बाहर आएंगे सौम्या, रानू समेत 6 आरोपी, लेकिन छत्तीसगढ़ में रहने पर पाबंदी

ShivMay 30, 20251 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित डीएमएफ और कोयला घोटाले के आरोपियों को…

May 31, 2025

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भारतमाला परियोजना में भ्रष्टाचार : घोटालेबाज अधिकारियों-भूमाफियाओं पर कसेगा शिकंजा, राजस्व विभाग ने 11 जिलों के कलेक्टरों को दिए जांच के निर्देश

रायपुर।    छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित भारतमाला प्रोजेक्ट में हुई गड़बड़ियों को लेकर जांच अब और तेज हो गई है. रायपुर समेत कुल 11 जिलों में जांच शुरू करने के निर्देश जारी किए गए हैं. राजस्व विभाग के सचिव अविनाश चंपावत ने सभी संबंधित जिलों के कलेक्टरों को जांच कर रिपोर्ट जमा करने के निर्देश दिए हैं.

मिली जानकारी के अनुसार, रायपुर, दुर्ग, धमतरी, धमतरी, कांकेर, कोंडागांव, कोरबा, रायगढ़, जशपुर, राजनांदगांव, बिलासपुर और जांजगीर-चांपा जिलों में जांच की प्रक्रिया शुरू की जा रही है. इससे पहले कुछ जिलों में हुई प्रारंभिक जांच की रिपोर्ट अब आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) ने मांगी है. जिसके बाद अब घोटलेबाज अधिकारियों-भूमाफियाओं पर शिकंजा कसने की तैयारी है.

शुरुआती जांच में 43 करोड़, अब तक 220 करोड़ के भ्रष्टाचार की संभावना

शुरुआती जांच में यह सामने आया था कि कुछ सरकारी अधिकारियों, भू-माफियाओं और प्रभावशाली लोगों ने मिलीभगत कर फर्जी तरीके से लगभग 43 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि हासिल कर ली. लेकिन विस्तृत जांच में यह आंकड़ा 220 करोड़ रुपये से ज्यादा तक पहुंच गया है. अब तक 164 करोड़ रुपये के संदिग्ध लेन-देन का रिकॉर्ड भी जांच एजेंसी को मिल चुका है. मामले की गंभीरता को देखते हुए नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने 6 मार्च को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखकर CBI जांच की मांग की है.

इस घोटाले को लेकर चरणदास महंत ने विधानसभा बजट सत्र 2025 में भी मुद्दा उठाया था. इसके बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रकरण की जांच ईओडब्ल्यू (EOW) को सौंपने का निर्णय लिया गया था. अब ईओडब्ल्यू ने इस पूरे मामले की जांच को और तेज कर दिया है.

क्या है भारतमाला परियोजना का मुआवजा घोटाला?

छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना के तहत राजधानी रायपुर से विशाखपट्टनम तक 950 कि.मी. सड़क निर्माण किया जा रहा है. इस परियोजना में रायपुर से विशाखापटनम तक फोरलेन सड़क और दुर्ग से आरंग तक सिक्स लेन सड़क बनना प्रस्तावित है. इस सड़क के निर्माण के लिए सरकार ने कई किसानों की जमींने अधिग्रहित की हैं. इसके एवज में उन्हें मुआवजा दिया जाना है, लेकिन कई किसानों को अब भी मुआवजा नहीं मिल सका है. विधानसभा बजट सत्र 2025 के दूसरे दिन नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने इस मुद्दे को उठाया था, जिसके बाद इस मामले में जांच का फैसला लिया गया.

भूमि अधिग्रहण नियम

भूमि अधिग्रहण नियम 2013 के तहत हितग्राही से यदि 5 लाख कीमत की जमीन ली जाती है, तो उस कीमत के अलावा उतनी ही राशि यानी 5 लाख रुपए सोलेशियम के रूप में भी दी जाएगी. इस तरह उसे उस जमीन का मुआवजा 10 लाख दिया जाएगा.
इसके तहत 5 लाख की यदि जमीन अधिग्रहित की जाती है तो उसके 10 लाख रुपए मिलेंगे और 10 लाख रुपए सोलेशियम होगा. इस तरह हितग्राही को उसी जमीन के 20 लाख रुपए मिलेंगे.