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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सांदीपनी और जवाहर नवोदय विद्यालय भवन का किया लोकार्पण

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ShivJun 6, 20254 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा आज रतलाम जिले को…

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की मुलाकात

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ShivJun 6, 20254 min read

नई दिल्ली।  छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शुक्रवार को…

संवेदनशील फिल्मकार अभिनेता चम्पक बैनर्जी द्वारा की गई”लाल पहाड़….बोस द मिसिंग फाईल्स’ की रचना

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ShivJun 6, 20253 min read

मुंबई।  “लाल पहाड़….बोस द मिसिंग फाईल्स” एक संवेदनशील कहानी और पटकथा…

खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने की विभागीय कार्यों की समीक्षा

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ShivJun 6, 20253 min read

रायपुर। खाद्य मंत्री दयालदास बघेल ने आज मंत्रालय महानदी भवन…

June 7, 2025

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जो कहेंगे सच कहेंगे

अवैध कब्जे पर निगम की अधूरी कार्रवाई, कोर्ट के आदेश के बाद भी पूरी तरह नहीं हटाया गया अतिक्रमण

रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायपुर में अवैध अतिक्रमण का एक और मामला सामने आया है. रायपुर जोन-10 अन्तर्गत तेलीबांधा क्षेत्र के एक निजी होटल द्वारा संयुक्त आवागमन के रास्ते से लगी हुई दूसरे के जमीन पर अवैध रूप से घेराबंधी कर दी गई है. मामले की शिकायत के बाद कोर्ट ने एसडीएम को अतिक्रमण हटाने के लिए आदेश दिया था. इसके बाद बेरीकेटिंग हटाया गया, लेकिन अन्य अतिक्रमण को कल तक अतिक्रमणकारी को ही हटाने का आदेश दिया है.

जानकारी के अनुसार, मामला एक संयुक्त आवागमन के रास्ते पर घेराबंदी करने का है. रायपुर तेलीबंधा मेन रोड के सर्विस रोड पर एक निजी होटल है, जिससे लगी हुई त्रिलोचन सिंह सलूजा की जमीन में निर्माण का कार्य चल रहा है. होटल और सलूजा के जमीन के बीच एक सार्वजनिक सड़क है जिसे 30-35 सालों से दोनों ही उपयोग करते आये हैं. लेकिन 3 माह पहले त्रिलोचन सिंह सलूजा की जमीन की ओर आने जाने वाले रास्ते पर होटल ने सौंदर्यीकरण कर घेराबंधी कर दिया और रास्ते में बेरिकेट भी लगा दिए. इसे लेकर विवाद की स्थिति बनी और मामला कोर्ट तक जा पहुंचा. कोर्ट ने विवाद किसी अपराध में न तब्दील हो. इसे देखते हुए जोन आयुक्त को अतिक्रमण हटाने निर्देशित किया जिसके बाद आज निगम की तरफ कार्रवाई की गई.

भूस्वामी त्रिलोचन सिंह सलूजा ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर आज नगर निगम जोन क्रमांक दस ने बेरिकेट तो हटाया, लेकिन सौंदर्यीकरण के नाम पर की गई घेराबंदी को हटाने का आदेश होटल को ही दे दिया है, जबकि अतिक्रमण हटाना निगम का काम होता है. ऐसे में देखना होगा कि अगर निजी होटल की तरफ से की गई अवैध घेराबंदी नहीं हटाई जाती है तो निगम समय से कार्रवाई करती है या नहीं.