Special Story

रायगढ़ में 24 घंटे के भीतर दो हाथियों की मौत, वन विभाग में मचा हड़कंप

रायगढ़ में 24 घंटे के भीतर दो हाथियों की मौत, वन विभाग में मचा हड़कंप

ShivJan 22, 20251 min read

रायगढ़।   जिले में 24 घंटे के भीतर दो हाथियों की…

38 स्कूली बच्चों की अचानक बिगड़ी तबीयत, सीमेंट संयंत्र से निकलने वाली गैस को माना जा रहा कारण, कलेक्टर-SP पहुंचे मौके पर

38 स्कूली बच्चों की अचानक बिगड़ी तबीयत, सीमेंट संयंत्र से निकलने वाली गैस को माना जा रहा कारण, कलेक्टर-SP पहुंचे मौके पर

ShivJan 22, 20253 min read

बलौदाबाजार।  छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के ग्राम खपराडीह स्थित विद्यालय…

January 22, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

अवैध कब्जे पर निगम की अधूरी कार्रवाई, कोर्ट के आदेश के बाद भी पूरी तरह नहीं हटाया गया अतिक्रमण

रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायपुर में अवैध अतिक्रमण का एक और मामला सामने आया है. रायपुर जोन-10 अन्तर्गत तेलीबांधा क्षेत्र के एक निजी होटल द्वारा संयुक्त आवागमन के रास्ते से लगी हुई दूसरे के जमीन पर अवैध रूप से घेराबंधी कर दी गई है. मामले की शिकायत के बाद कोर्ट ने एसडीएम को अतिक्रमण हटाने के लिए आदेश दिया था. इसके बाद बेरीकेटिंग हटाया गया, लेकिन अन्य अतिक्रमण को कल तक अतिक्रमणकारी को ही हटाने का आदेश दिया है.

जानकारी के अनुसार, मामला एक संयुक्त आवागमन के रास्ते पर घेराबंदी करने का है. रायपुर तेलीबंधा मेन रोड के सर्विस रोड पर एक निजी होटल है, जिससे लगी हुई त्रिलोचन सिंह सलूजा की जमीन में निर्माण का कार्य चल रहा है. होटल और सलूजा के जमीन के बीच एक सार्वजनिक सड़क है जिसे 30-35 सालों से दोनों ही उपयोग करते आये हैं. लेकिन 3 माह पहले त्रिलोचन सिंह सलूजा की जमीन की ओर आने जाने वाले रास्ते पर होटल ने सौंदर्यीकरण कर घेराबंधी कर दिया और रास्ते में बेरिकेट भी लगा दिए. इसे लेकर विवाद की स्थिति बनी और मामला कोर्ट तक जा पहुंचा. कोर्ट ने विवाद किसी अपराध में न तब्दील हो. इसे देखते हुए जोन आयुक्त को अतिक्रमण हटाने निर्देशित किया जिसके बाद आज निगम की तरफ कार्रवाई की गई.

भूस्वामी त्रिलोचन सिंह सलूजा ने बताया कि कोर्ट के आदेश पर आज नगर निगम जोन क्रमांक दस ने बेरिकेट तो हटाया, लेकिन सौंदर्यीकरण के नाम पर की गई घेराबंदी को हटाने का आदेश होटल को ही दे दिया है, जबकि अतिक्रमण हटाना निगम का काम होता है. ऐसे में देखना होगा कि अगर निजी होटल की तरफ से की गई अवैध घेराबंदी नहीं हटाई जाती है तो निगम समय से कार्रवाई करती है या नहीं.