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जीआईएस-2025 रचेगी भोपाल का नया इतिहास : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

जीआईएस-2025 रचेगी भोपाल का नया इतिहास : मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव

ShivFeb 22, 20252 min read

भोपाल।  मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश…

February 23, 2025

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छत्तीसगढ़ में OBC आरक्षण पर विवाद: पूर्व PCC चीफ ने कहा- CM ने कहा था 50% आरक्षण दिया जाएगा, लेकिन बस्तर और सरगुजा में केवल झुनझुना थमा दिया

रायपुर। छत्तीसगढ़ में ओबीसी आरक्षण को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। जिला पंचायतों में पिछड़ा वर्ग (OBC) को आरक्षण न मिलने पर पूर्व प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) अध्यक्ष धनेन्द्र साहू ने चुनाव स्थगित कर OBC को उचित आरक्षण देने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि OBC को आरक्षण नहीं मिला, तो कांग्रेस प्रदेशव्यापी आंदोलन करेगी।

धनेन्द्र साहू ने कहा, “भाजपा की सरकार आरक्षण को खत्म करने की साजिश कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा था कि OBC को 50% आरक्षण दिया जाएगा, लेकिन बस्तर और सरगुजा में केवल झुनझुना थमा दिया गया। यह पिछड़ा वर्ग के साथ अन्याय है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि सरकार ने अपनी नीतियों में बदलाव नहीं किया, तो कांग्रेस बड़े स्तर पर प्रभावी आंदोलन करेगी।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण की प्रकिया पूरी

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण की प्रकिया पूरी हो गई है। बीते शनिवार 11 जनवरी को प्रदेश के सभी 33 जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण हो गया है। रायपुर जिला पंचायत अध्यक्ष की सीट सामान्य (मुक्त) है। वहीं धमतरी, महासमुंद, सारंगढ़-बिलाईगढ़ और मुंगेली में भी सामान्य (मुक्त) रखा गया है। 33 में से 16 सीट ST वर्ग के लिए, 4 सीट SC वर्ग के लिए और 13 सीट सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित किया गया है। इनमें कुल 17 सीट सभी वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित है। वहीं OBC के लिए पद आरक्षित नहीं है।

पूर्व सीएम बघेल ने जताई थी आपत्ति

बता दें कि OBC के लिए पद आरक्षित नहीं होने पर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने लिस्ट रद्द कर संशोधित सूची जारी करने की मांग की है। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स अकॉउंट पर लिखा- आखिर वही हुआ जिसकी आशंका मैंने व्यक्त की थी। पूरे प्रदेश में एक भी ज़िले में अब पिछड़े वर्ग के जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए पद आरक्षित नहीं होगा। जिस प्रदेश में लगभग पचास प्रतिशत आबादी पिछड़े वर्ग की है वहां उनको कोई आरक्षण न देना भाजपा की सोच ही हो सकती थी। इस सूची को रद्द कर नई संशोधित सूची जारी करनी चाहिए।