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विकसित भारत के सपने को साकार करने में युवाओं की है महत्वपूर्ण भूमिका: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

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ShivJan 21, 20253 min read

रायपुर।     उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आज राजधानी रायपुर के…

छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष के खिलाफ हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस, जानिए क्या है मामला

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ShivJan 21, 20251 min read

रायपुर।   छत्तीसगढ़ स्टेट फार्मेसी काउंसिल के अध्यक्ष अरुण मिश्रा के…

अमर शहीद हेमू कालाणी की प्रतिमा पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किया माल्यार्पण

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ShivJan 21, 20253 min read

भोपाल।   मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को उज्जैन की…

January 22, 2025

Apni Sarkaar

जो कहेंगे सच कहेंगे

उपभोक्ता आयोग ने स्टार हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी पर ठोका जुर्माना, पाॅलिसी होल्डर्स को इलाज में खर्च राशि देने का सुनाया फैसला

बिलासपुर।    कोरोना महामारी में कोविड-19 उपचार खर्चों के दावों को खारिज करने पर उपभोक्ता आयोग ने स्टार हेल्थ इंश्योरेंस को फटकार लगाई है. कंपनी को सभी कोविड-19 मेडिकल खर्चों का भुगतान करने का निर्देश दिया है. इसके अलावा मानसिक कष्ट पहुंचाने के आरोप में आवेदनकर्ताओं को 15-15 हजार बतौर क्षतिपूर्ति और मुकदमा का पांच-पांच हजार रुपए खर्च का अलग से भुगतान करने का भी निर्देश दिया है.

दरअसल संजय छापरिया अग्रवाल कोरोना संक्रमित होने के बाद रायपुर के निजी अस्पताल में इलाज कराया. इलाज में दो लाख 26 हजार रुपए खर्च हुआ था. उमा छापरिया का इलाज भी निजी अस्पताल में हुआ. उनके इलाज में 1,57,714 रुपए का खर्च हुआ. विकास मिश्रा ने कोविड-19 उपचार के लिए 1,84,913 रुपए का दावा किया था, जिसे बीमा कंपनी ने खारिज किया था. बता दें कि स्टार हेल्थ के खिलाफ बिलासपुर में 50 से अधिक मामले लंबित है. इनमें से 4 मामलों का निराकरण किया जा चुका है. 3 मामलों पर सुनवाई जारी है.

बीमा कंपनी ने कहा – जानबूझकर अस्पताल में हुए भर्ती

उपभोक्ता आयोग के समक्ष बीमा कंपनी के अफसरों ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से जवाब पेश करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमणकाल के दौरान आवेदनकर्ताओं ने पालिसी ली थी. कोरोना संक्रमित भी हुए. इनकी स्थिति इतनी खराब नहीं थी कि अस्पताल में भर्ती होना पड़े. होम क्वारंटाइन रहकर भी स्वास्थ्य लाभ ले सकते थे. पालिसी होल्डर्स ने जान बुझकर अस्पताल में भर्ती होकर इलाज कराया, ताकि क्लेम में रूप में एक बड़ी रकम वसूल सके.

बीमा कंपनी को 45 दिनों की मोहलत

उपभोक्ता आयोग ने अपने फैसले में कहा कि हेल्थ इंश्योरेंस के तहत जब कोई बीमा कराता है और प्रीमियम की भारी-भरकम राशि पटाता है तब उनका उद्देश्य यही होता है कि आपात स्थिति में इंश्योरेंस रक्षा कवच बनकर सामने आए और इलाज की पूरी सुविधा बिना किसी परेशानी के मिले. उपभोक्ता आयोग ने बीमा कंपनी को तीनों पालिसी होल्डर्स को 45 दिनों के भीतर इलाज में खर्च हुई राशि का भुगतान का निर्देश दिया है.