आरक्षक ने आपदा को बनाया अवसर : खुद की कस्टडी से भागे आरोपी की तलाश करने पहुंचा दूसरा जिला, वहां टीआई बनकर करने लगा वसूली, ऐसे खुली पोल

सक्ती। छत्तीसगढ़ के सक्ती के डभरा क्षेत्र में रात डेढ़ बजे वाहन चालकों से अवैध वसूली करने वाले आरक्षक को लेकर नया खुलासा हुआ है। पुलिस की जांच में पता चला कि आरक्षक रजनीश लहरें बिलासपुर पुलिस लाइन में पदस्थ है और उसकी ड्यूटी बिलासपुर के अस्पताल में भर्ती एक बंदी की सुरक्षा में लगाई गई थी। मगर आरक्षक की लापरवाही से बंदी अस्पताल से फरार हो गया।
फरार बंदी की तलाश में आरक्षक रजनीश लहरे सक्ती जिले के हसौद क्षेत्र तक पहुंचा। मगर यहां फरार बंदी की तलाश करने के बजाय रात डेढ़ बजे डभरा चंद्रपुर मार्ग में वाहनों को रुकवाना शुरू कर दिया। फिर डभरा टीआई बनकर वाहन चालकों से वसूली शुरू कर दी। जब गश्त में निकले डभरा टीआई ने जब वाहनों की लंबी कतारें देखी तो पता करने पहुंच गए। जहां एक बोलेरो वाहन में तीन लोग बैठे हुए थे, जिसमें से आरक्षक रजनीश लहरें खुद को डभरा टीआई बताकर वाहन चालकों से गाड़ी के कागजात मांग रहा था।
पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मौके से रजनीश लहरे और उसके साथी विक्की उर्फ छोटू दास को गिरफ्तार कर लिया, जबकि एक अन्य आरोपी मौके से फरार हो गया। इनके कब्जे से अवैध वसूली में प्रयुक्त बोलेरो वाहन भी जब्त किया गया है।
ऐसे पकड़ाया आरक्षक
बलौदाबाजार निवासी ड्राइवर जीवन साहू ने पुलिस को बताया कि वह रायगढ़ पिकअप वाहन से सब्जी लेकर जा रहा था। पुटीडीह नाला के पास पुलिस सायरन बजाती एक बोलेरो ने उसे रोका और कागजात दिखाने को कहा। कार में बैठे युवक ने खुद को पुलिस अधिकारी बताया और कागजात की जांच के बहाने गाड़ी की एंट्री नहीं होने का हवाला देकर धमकाते हुए एक हजार रुपये ले लिए।
घटना की जानकारी डभरा पुलिस को मिलते ही उन्होंने वाहन का पीछा किया और मांड नदी के पास आरोपियों को अन्य वाहनों से भी वसूली करते रंगे हाथों पकड़ लिया।
आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज
डभरा टीआई की शिकायत पर रजनीश लहरे, विक्की उर्फ छोटू दास और एक फरार आरोपी के खिलाफ डराकर अवैध वसूली की धारा 308 (B), 3(5) दर्ज किया गया है। दो आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है, जबकि तीसरे की तलाश जारी है।