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चना मिल में मजदूर की मौत, परिजनों ने किया हंगामा, 25 लाख रूपये का मांगा मुआवजा

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ShivFeb 24, 20251 min read

बलौदाबाजार-भाटापारा।   जिले के सुरखी स्थित चना फिल्टर मिल में हादसा…

शुभ संकल्पों की होती है समाज और राष्ट्र के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका – मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

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ShivFeb 24, 20253 min read

रायपुर।    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज प्रजापिता ब्रह्मकुमारी विश्वविद्यालय द्वारा…

10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षा में स्टूडेंट्स को मिलेगा 20 अंक तक का बोनस, CGBSE ने 25 मार्च तक मांगी सूची

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ShivFeb 24, 20252 min read

रायपुर। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल (CGBSE) द्वारा 10वीं और 12वीं के…

February 24, 2025

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आरक्षक भर्ती गड़बड़ी मामला : एक और पुलिसकर्मी गिरफ्तार, अब तक 15 लोगों की हो चुकी गिरफ्तारी

राजनांदगांव।    छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में पुलिस आरक्षक भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी के मामले में लगातार कार्रवाई जारी है. मामले में आज एक और आरोपी की गिरफ्तारी हुई है जो पुलिस आरक्षक है. इस तरह से आरक्षक भर्ती गड़बड़ी मामले में अब तक 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इन आरोपियों में 7 पुलिसकर्मी, 5 टेक्नीशियन और 2 महिला अभ्यर्थी शामिल हैं. मामले में आगे की जांच जारी है.

लालबाग थाने में आरक्षक भर्ती संवर्ग में अभ्यर्थियों को मशीन में छेड़खानी कर अंक में लाभ दिलाने को लेकर अज्ञात आरोपी के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया था. इस मामल में कार्रवाई करते हुए सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल चैटिंग मैसेज और गवाहों के बयान के आधार पर आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य सबूत पाए जाने पर पूर्व में 7 पुलिसकर्मी, 5 टेक्नीशियन टीम, 2 महिला अभ्यर्थी सहित अब तक कुल 14 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इसी मामले में विवेचना के दौरान अब पुलिस ने आरोपी आरक्षक पवन चौरे पिता महेश लाल चौरे (34 वर्ष) निवासी राजीव नगर, डोंगरगाव थाना को गिरफ्तार किया और न्यायिक रिमांड पर जेल में भेज दिया गया है.

आरक्षक के आत्महत्या के बाद मामला हुआ था उजागर

गौरतलब है कि पुलिस भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी का खुलासा तब हुआ था जब पुलिस आरक्षक अनिल कुमार रत्नाकर ने इस घोटाले को उजागर करते हुए आत्महत्या कर ली. आरक्षक अनिल रत्नाकर का शव 21 दिसंबर को ग्राम रामपुर के पास फांसी के फंदे से लटका हुआ मिला था. मृतक ने अपने हाथ में लिखा था कि भर्ती प्रक्रिया में केवल कर्मचारियों को फंसाया जा रहा है, जबकि अधिकारी भी इस घोटाले में शामिल हैं.

आत्महत्या के बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) दीपक कुमार झा ने विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया है. आईजी ने एसआईटी को 10 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए. जिसपर लगातार कार्रवाई जारी है.