कांस्टेबल को ट्रैक्टर से कुचलने का मामला : हाईकोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान, खनिज सचिव और वन विभाग को नोटिस जारी

बिलासपुर। बलरामपुर के लिब्रा घाट पर अवैध रेत खनन रोकने गई वन और पुलिस की संयुक्त टीम पर हुए हमले में आरक्षक शिवभजन सिंह की मौत हो गई. इस गंभीर मामले पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है. मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायमूर्ति विभु दत्त गुरु की डिवीजन बेंच ने आज मामले की सुनवाई की.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि जब अवैध खनन पर रोक के लिए पहले से निर्देश जारी हैं, फिर भी ऐसी घटनाएं हो रही हैं, यह बेहद गंभीर स्थिति है। स्टेट अफेयर्स की हालत चिंताजनक है. वहीं ये भी कहा कि इस तरह की घटना का दोहराव नहीं होना चाहिए. मामले में 9 जून को अगली सुनवाई तय की गई है.
खनन माफियों ने आरक्षक को कुचला
बता दें कि नदी किनारे अतिक्रमण की शिकायत पर वन विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची थी. इस दौरान नदी घाट पर झारखंड के खनन माफिया को अवैध रेत खनन करते देख रोकने का प्रयास किया गया. इस पर झारखंडी खनन माफिया ने टीम पर ही हमला कर दिया. रेत माफियाओं ने आरक्षक को ही ट्रैक्टर से कुचल दिया, जिससे आरक्षक शिव भजन सिंह की मौत हो गई. घटना की जानकारी मिलते के बाद आईजी और एसपी वैभव बैंकर ने मौके पर पहुंचे थे.
मामले में टीआई सस्पेंड
इस पूरे मामले में आईजी दीपक झा ने थाना प्रभारी दिव्यकांत पांडेय को लापरवाही बरतने पर सस्पेंड कर दिया है. आदेश में लिखा कि वरिष्ठ अधिकारियों को बिना सूचना दिए आधी रात को टीआई अपर्याप्त बल लेकर अवैध रेत खनन रोकने गए थे, जहां खनन माफिया ने घटना को अंजाम दिया.