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भोरमदेव शक्कर कारखाना ने गन्ना किसानों को 6.52 करोड़ का किया भुगतान

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ShivNov 26, 20241 min read

कवर्धा।    भोरमदेव सहकारी शक्कर उत्पादक कारखाना ने पेराई सत्र…

मोदी की हर गारंटी पूरा कर रही विष्णु देव साय सरकार – उपमुख्यमंत्री अरुण साव

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ShivNov 26, 20242 min read

रायपुर।  उप मुख्यमंत्री अरुण साव सोमवार को अपने जन्मदिन पर…

कौशल विकास से छत्तीसगढ़ के युवाओं की होगी आर्थिक उन्नति: बृजमोहन अग्रवाल

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ShivNov 26, 20242 min read

रायपुर।      छत्तीसगढ़ के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी…

गरीबों को नहीं मिल रहा अनाज: मंत्री के गृह ग्राम में राशन दुकान का चक्कर काटते ग्रामीण हुए परेशान

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ShivNov 26, 20242 min read

जगदलपुर।   नारायणपुर जिले के फरसगुड़ा गांव में राशन वितरण में…

November 26, 2024

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अंतरिम बजट पर कांग्रेस का तंज : महंत बोले- कर्ज में डुबोने वाला दिशा-हीन और खोखला

रायपुर।  गुरुवार को पेश हुए अंतरिम बजट 2024 पर प्रदेश के कांग्रेस नेताओं ने तंज कसा है. छत्तीसगढ़ विधानसभा नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने इस बजट को खोखला बताया है. वहीं, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष एवं सांसद दीपक बैज ने कहा कि न राहत, न रियायत, आम जनता की अपेक्षा के विपरीत घोर निराशाजनक बजट कहा है.

डॉ. चरणदास महंत ने बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से प्रस्तुत बजट, कर्ज में डुबोने वाला दिशा-हीन और खोखला बजट है. देश पर बढ़ता क़र्ज़ मोदी सरकार की गलत नीतियों की देन है. देश आज जीडीपी के 81% कर्ज मैं डूब चूका हैं. 2014-15 में 64 लाख करोड़ का कर्ज था जो मोदी सरकार के 2023-24 में बढ़कर 173 लाख करोड़ हो चुका है.

नेता प्रतिपक्ष डॉ. महंत ने कहा, 2014 में मोदी सरकार ने वादा किया था 2022 तक सबके पास पक्का मकान होगा, किसानों की आय दुगनी होगी,100 दिनों में महंगाई कम होगी, पैट्रोल डीजल के दम कम होगा, 100 स्मार्ट सिटी बनने वाली थी, बुलेट ट्रेन चलने वाली थी, एक देश एक कर की बात की गई थी, दो करोड़ प्रितिवर्ष नौकरियां मिलनी थी. उन्होंने कहा कि देश के हर वर्ग को ठगने का काम केंद्र की मोदी सरकर ने पिछले 10 वर्षों में किया है.

वहीं, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा है कि पिछले 9 सालों की तरह इस साल का चुनावी बजट भी पूरी तरह से झूठे सपने, जुमले और झांसे का बजट साबित हुआ है. यथार्थ में आम जनता को किसी भी तरह की कोई राहत या वस्तावित रियायत नहीं दी गई है, फिर भी राजकोषीय घाटा अनियंत्रित है. मोदी 2.0 का यह अंतिम बजट देश की अर्थव्यवस्था को गर्त में ले जाने वाला बजट है, आयकर की दरों में राहत नहीं मिलने से मध्यम वर्ग भी निराश हुआ है.

सासंद बैज ने कहा, पुरानी झूठ को एक बार फिर से परोसा गया है कि 7 लाख तक आयकर में छूट रहेगी जबकि हकीकत यह है कि पिछले बजट में ही नए टैक्स रिजीम के तहत केवल 7 लाख के भीतर आय वालों को टैक्स में छूट दी गई ना की बेसिक एक्जंपप्शन लिमिट बढ़ाया गया है. नए टैक्स रिजिम में किसी भी तरह की कटौती का प्रावधान नहीं है. असलियत यह है कि आयकर के लिए बेसिक एक्जंपप्शन लिमिट आज भी ढाई लाख ही है. पिछले 10 साल से 1 रुपए भी नहीं बढ़ाया गया है. बेसिक एक्जंपप्शन लिमिट और टैक्स रिबेट में अंतर है, टैक्स रिबेट का लाभ है लिमिट क्रॉस होने पर खत्म हो जाती है, जबकि बेसिक एक्जंपप्शन लिमिट बढ़ाये जाने का लाभ प्रत्येक करदाता को मिलता.